चरवाही
श्रृंखला 3
भरोसा और आज्ञाकारिता
पाठ नौ – मसीह का आनंद लेना
यूहन्ना 6:35- यीशु ने उनसे कहा, ‘‘जीवन की रोटी मैं हूं; जो मेरे पास आता है, भूखा न होगा, और वह जो मुझ पर विश्वास करता है, कभी प्यासा न होगा।
प्रभु को खाना, पीना
और आनंद करना
कुछ लोग कह सकते हैं कि नया नियम आनंद शब्द का उपयोग नहीं करता है। लेकिन बाइबल खाने और पीने की बात करती है। खाने और पीने से संबंधित कुछ भी, आनंद की बात होनी चाहिए। प्रभु ने खुद कहा, ‘‘जीवन की रोटी मैं हूं जो मेरे पास आता है, भूखा न होगा, और वह जो मुझ पर विश्वास करता है, कभी प्यासा न होगा’’ (यूहन्ना 6:35)। उसने यह भी कहा, ‘‘यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आए और पीए। जो मुझ पर विश्वास करता है—उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकालेंगी’’(7:37-38)। इसके अतिरिक्त, प्रेरित पौलुस ने कहा कि इस्राएलियों ने जिन्होंने जंगल में मूसा का पीछा किया, ‘‘सब ने एक ही आत्मिक भोजन किया, और सब ने एक ही आत्मिक जल पिया’’ (1 कुर- 10:3-4)। फिर यूहन्ना द्वारा लिखी गई प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में प्रभु यीशु ने वादा किया, ‘‘जो जय पाए उसे मैं जीवन के वृृक्ष में से—खाने को दूंगा’’ (प्रक- 2:7)। उसने यह भी कहा, ‘‘जो जय पाए उसे मैं गुप्त मन्ना में से दूंगा’’ (आ- 17)। ये आयतें खाने और पीने की बातों को समाविष्ट करती हैं, जो निश्चित रूप से आनंद लेने की बात है।
खाने के मामले के विषय में
उत्पत्ति हमें शुरूआत से ही बताती है कि परमेश्वर ने मनुष्य को रचने के बाद, मनुष्य को दस आज्ञाए नहीं दी या मनुष्य से नहीं कहा कि,‘‘आदम, आपको मेरी आराधना करनी चाहिए और अपने स्रोत को मत भूलो। इसके अतिरिक्त, मैं एक उचित परमेश्वर हूं जो धर्मी, नैतिक, पवित्र और प्रकाश से भरा है, इसलिए आपको इसके अनुसार व्यवहार करना चाहिए और अवज्ञा नहीं करनी चाहिए।’’ इस तरह की अवधारणा मानव संस्कृति से विकसित एक उत्पाद है_ यह मनुष्य के लिए परमेश्वर का प्रकाशन नहीं था। परमेश्वर ने मनुष्य को रचने के बाद, पहली चीज जो उसने की वह यह थी कि मनुष्य को जीवन के वृक्ष के पास लाया और उससे कहा, ‘‘तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता हैः पर भले और बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खानाः क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा’’ (उत- 2:16-17)। यहां परमेश्वर ने मनुष्य के साथ एक वाचा बनायी, और यह वाचा खाने की बात के विषय पर थी। दूसरे शब्दों में, खाना मनुष्य के अस्तित्व से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण बात है_ यदि मनुष्य सही चीजों को खाता है, तो वह लंबे समय तक जीवित रहेगा, लेकिन अगर वह गलत चीजों को खाता है, तो वह अपने स्वास्थ्य को खतरे में डाल देगा और मृत्यु को आमंत्रित करेगा। इस कारण से, परमेश्वर ने मनुष्य को रचने के बाद, उसने तुरंत खाने के बारे में मनुष्य से बात की। हालांकि, क्योंकि हव्वा ने देखा कि अच्छे और बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल भोजन के लिए अच्छा था, वह प्रलोभन में पड़ गई और गलत तरीके से खाया। इसका परिणाम मनुष्य का पतन हुआ।
मनुष्य के पतन के बाद, परमेश्वर उसे बचाने के लिए आया और फिर से खाने की बात को लाया। निर्गमन हमें दिखाती है कि इस्त्रएल की संतानों ने न केवल मेमने के लहू के द्वारा परमेश्वर के छुटकारे को प्राप्त किया, बल्कि वे मेमने के मांस और अखमीरी रोटी खाने से, मिस्त्र छोड़ने के लिए सामर्थी भी बने। छुड़ाए जाने के बाद, वे जंगल में चले गए और जब तक कि उन्होंने कनान देश में प्रवेश नहीं किया हर दिन मन्ना खाया। कनान में प्रवेश करने के बाद भी खाने की बात थी। परमेश्वर चाहता था कि वे साल में तीन बार पर्व के लिए भूमि से अपनी उपज का उत्कृष्ट दसवां हिस्सा लाए और परमेश्वर के सामने खाने, पीने और आनंद लेने के लिए यरूशलेम को जाएं।
प्रभु को खाना
हमारे लिए परमेश्वर की नियुक्ति होना
परमेश्वर ने जगत की उत्पत्ति से पहले ही ठहराया कि हमारी नियति, हमारा भविष्य प्रभु को रोज खाना है। मसीहियों को क्या करना चाहिए? प्रभु को खाए! आप किस प्रकार के मसीही हैं? हम वे मसीही हैं जो प्रभु को खाते हैं। आपके पास किस तरह की कलीसिया है? एक कलीसिया जो प्रभु को खाती है। मसीही वे लोग हैं जो प्रभु को खाते हैं।
गीत # 1151
1 पीयो, सिहांसन से बहता स्वच्छ नदी से
खाओ, जीवन के पेड़ के प्रचुर फलों को
देख, दीपक और सूर्य की जरूरत नहीं है
क्या ही, इधर रात नहीं।
आओ ना, आओ
कहती आत्मा दुल्हिन
आओ ना, आओ
सुनने वाले कहें
आओ ना, आओ
जो प्यासा और इच्छुक है,
वह जीवन का जल सेंत मेंत ले।
2 मसीह नदी, मसीह जल अन्दर से बहता है
मसीह पेड़, मसीह फल, आनन्द लेने के लिए
मसीह दिन मसीह ज्योति, मसीह भोर का तारा
मसीह मेरा सब कुछ है।
3 जीवन का पेड़ खाने के लिए वस्त्र धो लें,
प्रभु, आमीन, हाल्लेलुयाह यीशु है मधुर
हम आत्मा में मसीह को अनुभव करते हैं,
कैसा मसीह है मेरे पास।
4 मेरे पास सुरज से ज्यादा चमकदार घर है
जहाँ सभी भाई सच्चाई में एक हैं
प्रदर्शन करने के लिए हम सब एक हो गये
स्थानीय कलीसिया में।