चरवाही

श्रृंखला 1

उच्च सुसमाचार

पाठ पंद्रह – बपतिस्मा

मत्ती- 28ः19-इसलिए जाओ और सब जातियों के लोगों को चेले बनाओ तथा पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।

बपतिस्मा का अर्थ

विश्वास करना दास-उद्धारक को ग्रहण करना है (यूहन्ना 1ः12) न केवल पापों की क्षमा के लिए (प्रे- 10ः43) बल्कि नए जन्म के लिए भी (1 पत- 1ः21, 23)। जो इस तरह से विश्वास करते हैं परमेश्वर की संतान (यूहन्ना 1ः12-13) और त्रिएक परमेश्वर के साथ एक जैविक संयोग में (मत्ती- 28ः19) मसीह के अंग (इफ- 5ः30) बन जाते हैं। बपतिस्मा लेना दास-उद्धारक की मृत्यु द्वारा पुरानी सृष्टि को खत्म करने के लिए दफनाने के द्वारा और दास-उद्धारक के पुनरूथान के द्वारा परमेश्वर की नई सृष्टि बनने के लिए उठाये जाने के द्वारा इसकी पुष्टि करना है—-विश्वास करना और बपतिस्मा लेना परमेश्वर के पूर्ण उद्धार को प्राप्त करने के लिए एक संपूर्ण कदम के दो भाग हैं। विश्वास के बिना बपतिस्मा लेना एक खाली रीति रिवाज है; बिना बपतिस्मा के विश्वास करना आंतरिक उद्धार की बाहरी पुष्टि के बिना केवल अंदरूनी रूप से उद्धार पाना है। इन दोनों को एक साथ चलना चाहिए। इसके अलावा, आत्मा का बपतिस्मा पानी के बपतिस्मे के साथ होना चाहिए जैसे कि इस्राएल की संतानों को समुद्र (पानी) में और बादल (आत्मा) में बपतिस्मा दिया गया था (1 कुर- 10ः2; 12ः3)।

बपतिस्मा एक शैली या रीति रिवाज नहीं है_ यह मसीह के साथ हमारे तादात्मय को सूचित करता है। बपतिस्मा के द्वारा हम मसीह में डूबाये जाते हैं, उसको अपने मण्डल के रूप में लेते हुए, ताकि हम उसकी मृृत्यु और पुनरूत्थान में उसके साथ एक होने के लिए जुड़ जाएं।

हमारा जन्म, पहला मनुष्य (1 कुर 15ः45, 47), आदम के मंडल में हुआ लेकिन बपतिस्मा के द्वारा हमारा स्थानांतरण दूसरा मनुष्य ( 1 कुर- 15ः47), मसीह (1ः30; गल. 3ः27) के मंडल में किया गया।

जब हमें मसीह में बपतिस्मा दिया गया, हमें उसकी मृत्यु में बपतिस्मा दिया गया है। उसकी मृत्यु ने हमें संसार से और अन्धकार की शैतानी शक्तियों से अलग किया और हमारे स्वाभाविक जीवन, हमारा पुराना स्वभाव, हमारा स्वयं, हमारा शरीर और यहां तक कि हमारे संपूर्ण इतिहास को भी खत्म कर दिया।

बपतिस्मा का महत्व

विश्वास करना मसीह में विश्वास करना है (यूहन्ना 3ः16), और बपतिस्मा लेना मसीह में बपतिस्मा लेना है। विश्वास और बपतिस्मा दोनों के द्वारा हमने मसीह में प्रवेश कर लिया है, इस प्रकार मसीह को पहना और मसीह के साथ तादात्मय हुए। एक उचित, सच्चे और जीवित तरीके में अभ्यास किया गया बपतिस्मा विश्वासियों को त्रिएक परमेश्वर के नाम अर्थांत दिव्य नाम में डालता है (मत्ती- 28ः19); एक जीवित व्यक्ति, मसीह में डालता है (गल- 3ः17); एक प्रभावी मृत्यु, मसीह की मृत्यु में डालता है (रो- 6ः3) और एक जीवित जीव, मसीह की देह में डालता है (1 कुर-12ः13) ताकि विश्वासी केवल मसीह के साथ ही नहीं बल्कि उसकी देह के साथ भी एक जैविक संयोग में प्रवेश कर सके। इसके अतिरिक्त बपतिस्मा विश्वासियों को उनकी पुरानी स्थिति से एक नई स्थिती में लाता है, उनके पुराने जीवन को खत्म करके मसीह के नए जीवन के साथ अंकुरित करता है ताकि वे त्रिएक परमेश्वर के तत्वों के द्वारा, मसीह की देह, एक जीव में जी सकें।

लाल समुद्र को पार करना

बपतिस्मे को सूचित करना

अपने चुने हुए लोगों के लिए परमेश्वर के संपूर्ण उद्धार में फसह, मिस्र से निर्गमन, और लाल समुद्र का पार करना शामिल हैै। फसह छुटकारे को सूचित करता है; निर्गमन संसार से बाहर जाने को सूचित करता है; और लाल समुद्र का पार करना बपतिस्मा को सूचित करता है।

लाल समुद्र को पार करने के द्वारा, इस्राएल की संतानों को मिस्र से बचाया गया और एक स्वतंत्र क्षेत्र में लाया गया। क्या उद्धार है! सिद्धांत में, आज हमारे लिए बपतिस्मा समान है। यह हमें बंधन से बचाता है और हमें मसीह मे पूर्ण स्वत्रंता में लाता है।

विश्वास करना और बपतिस्मा लेना

एक पूर्ण कदम बनाते हैं

प्रभु में विश्वास करने और बपतिस्मा लेने से पहले हम पापी थे। लेकिन सुसमाचार के प्रचार के द्वारा जब हम प्रकाशित हुए, तो हम एहसास करने लगे कि हम बहुत पापमय हैं। हमारे पास परमेश्वर के सामने और मनुष्य की ओर दोनो में कई उल्लघंन, दोष और अपराध हैं, और हमारे पास बहुत ज्यादा गुनाह था। फिर हमने मन फिराया, प्रभु में विश्वास किया, उनकी क्षमा को प्राप्त किया और बचाए गए। लेकिन हमारे मन फिराव और विश्वास करने में एक बाहरी अभिव्यक्ति की जरूरत है। यह अभिव्यक्ति बपतिस्मा है। इसलिए, बपतिस्मा और हमारा विश्वास करना, हमारा विश्वास, एक चीज के दो पहलू हैं। इस कारण नया नियम विश्वास करने और बपतिस्मा लेने के बारे में बात करता है (मरकुस 16ः16)। विश्वास करने और बपतिस्मा लेने की तुलना एक कदम लेने के लिए हमारे दो पैरों के उपयोग से की गयी है। पहले हम विश्वास करते हैं और हमारे विश्वास की तुलना एक पैर से कदम रखने से की गयी है। तब हमें बपतिस्मा दिया जाता है। हमारे बपतिस्मे की तुलना दूसरे पैर के साथ कदम को पूरा करने से की गयी है। विश्वास करना और बपतिस्मा साथ में एक पूर्ण कदम बनाते हैं।

 

LORD, WHEN BY BAPTISM WE CONFESS

Baptism—Buried and Risen

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  1. Lord, when by baptism we confess
    Our oneness in Thy death,
    Oh, by Thy mercy and Thy grace,
    May Thou reveal its worth.
  2. By baptism in Thy death we’re one
    And buried too with Thee;
    Thus we’re forever dead to sin
    And from its bondage free.
  3. By baptism in Thy death we’re one
    And buried too with Thee;
    Thus to the world we bid farewell,
    From Satan’s slavery free.
  4. We’re resurrected with Thee too,
    From death’s great pow’r set free;
    Now fruit of holiness we bear
    In our new life with Thee.
  5. We’re baptized unto Thy dear name,
    No more our own are we;
    Thy steps we’d follow, for Thee live,
    And e’er be one with Thee.