चरवाही

श्रृंखला 1

उच्च सुसमाचार

पाठ बारह – प्रेममय पिता

लूका 15:20-24 वह उठकर अपने पिता के पास चला आया। परन्तु जब वह अभी दूर ही था, उसके पिता ने उसे देखा और उस पर तरस खाया, अतः उसने दौड़कर उसे गले लगाया और चूमा। 21 पुत्र ने उससे कहा, ‘‘हे पिता, मैंने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है, मैं अब तेरा पुत्र कहलाने के योग्य न रहा। 22 परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा, ‘‘अच्छे से अच्छा वस्त्र शीघ्र निकाल लाओं और उसे पहनाओ और उसके हाथ में अंगूठी, पांव में जूतियां पहनाओ, 23 और 24 एक मोटा बछड़ा लाकर काटो कि हम खाएं और आनन्द मनाएं। क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, अब जीवित हो गया है, वह खो गया था, अब मिल गया है।’’ और वे आनन्द मनाने लगे।

मनुष्य का परमेश्वर को छोड़कर

उससे दूर जाना

लूका 15:11-24 में यह दृष्टान्त मनुष्य और परमेश्वर के बीच के रिश्ते की तुलना एक पुत्र और उसके पिता के रिश्ते से करता है। यह इंगित करता है कि जैसे एक पुत्र पिता से है, इसी प्रकार, मनुष्य परमेश्वर से है। मनुष्य परमेश्वर द्वारा बनाया गया है। यद्यपि मनुष्य ने परमेश्वर का जीवन ग्रहण नहीं किया, आज मनुष्य का जीवन परमेश्वर से आता है। इसलिए, सृष्टि के पहलू से, मनुष्य परमेश्वर का पुत्र है।

एक दिन दो बेटों में से छोटे बेटे ने पिता की धन सम्पति का अपना हिस्सा ले लिया, अपने पिता को छोड़ दिया और एक दूर देश में चला गया। यह एक चित्र है जो दिखाता है कि मनुष्य परमेश्वर से अपनी सारी स्वाभाविक क्षमता प्राप्त करने के बाद भी परमेश्वर से दूर चला जाता है।

अपने पिता से दूर, एक देश में, इस छोटे बेटे ने अपनी सारी धन सम्पति को अपनी आवारा जिंदगी के कारण बर्बाद कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, वह गरीब हो गया और सूअरों को खिलाने से पैसे कमाता था। यह दिखाता है कि जब मनुष्य परमेश्वर को छोड़ता है, वह एक पापमय जीवन जीना शुरू कर देता है। वह सब कुछ बर्बाद करके, पाप में गिर जाता है। सूअरों को खिलाना एक पापमय जीवन जीने का प्रतीक है क्योंकि सूअर गंदे होते हैं। जब आप सिनेमाघर जाते हैं या जब आप नाचने के लिए जाते हैं, तो आप सूअरों के बाड़े में जाते है।

मनुष्य का परमेश्वर की ओर मुड़ना

और परमेश्वर के लिए काम करने की इच्छा रखना

जब वह अपनी गरीबी में था, बेटा जागा। वह होश में आया और अपने पिता के घर की अच्छाई को याद करने लगा। यह दिखाता है कि पाप में एक मनुष्य, जो पापों में जी रहा है, जब वह अपने अंत में आता है, परमेश्वर और उनकी आशीषों को याद करता है। गरीबी मनुष्य को जागृत करने में मदद करती है। कुछ के लिए जागृत होना बहुत कठिन है जब तक वे अत्यन्त पाप नहीं करते। जब वे नाचने या जुए के अंत तक पहुंचते हैं, तो वे जागते हैं।

जब छोटा बेटा होश में आया और अपने पिता को याद किया, तो उसने अपने पिता के पास लौटने का फैसला किया। यह दर्शाता है कि जब कोई व्यक्ति पाप से जागता है, तो उसके लिए परमेश्वर को याद करना और उनकी ओर मुड़ना स्वाभाविक है।

जब बेटा वापस आने वाला था, तो उसने अपने पापों को याद किया और यह महसूस किया कि वह अपने पिता का पुत्र होने के योग्य नहीं था। इसके बजाय वह एक नौकर बनने के लिए तैयार था और अपने पिता से उसे मजदूरी पर रखने के लिए कहने जा रहा था। इसलिए उसने अपने पिता से मिलने के लिए चार वाक्य तैयार किएः पहले, ‘‘मैंने स्वर्ग के विरुद्ध पाप किया है’’_ दूसरा, ‘‘मैंने आपकी दृष्टि मे—पाप किया है’’_ तीसरा, ‘‘मैं आपका बेटा कहा जाने योग्य नहीं हूँ’’_ और चौथा, ‘‘मुझे अपने मजदूरों की तरह एक नौकर बना लो।’’ (आ-18-19)।

यह दर्शाता है कि जब एक पापी जागता है और परमेश्वर की ओर मुड़ता है, तो उसके लिए यह सोचना स्वाभाविक है कि उसने परमेश्वर के खिलाफ पाप किया है और वह परमेश्वर के आशीष के योग्य नहीं हैं। दूसरे शब्दों में, वह मुफ्त में परमेश्वर से कुछ भी ग्रहण करने में अयोग्य महसूस करता है। इस वजह से, परमेश्वर की भलाई के लिए वह अपने काम और अच्छे व्यवहार के लेन-देन पर निर्भर करता है। इस प्रकार वह परमेश्वर के सामने खुद को सुधारने की उम्मीद करता है। यह हर पछतावा करने वाले पापी की गलत धारणा है, यह सोचना कि उसे एक बेटे के बजाय एक नौकर होना चाहिए। इस अवधारणा के कारण, मनुष्य परमेश्वर की भलाई के बदले में हमेशा खुद की योग्यता को स्थापित करने का प्रयास करता है।

मनुष्य का परमेश्वर के हृदय को

महसूस न करना

यद्यपि छोटे बेटे के पास एक दीन हृदय था और उसने पुत्र बनने के लिए अपने आप को अयोग्य समझा और एक नौकर बनना चाहा, फिर भी उसने अपने पिता के हृदय को महसूस नहीं किया। उसके पिता के हृदय में अपने बेटे के लिए तड़प थी। कई पापियों का इस तरह दीन हृदय हो सकता है लेकिन वे परमेश्वर के हृदय को महसूस नहीं करते हैं। परमेश्वर का हृदय यह नहीं है कि पश्चाताप करने वाले पापी उनके लिए काम करें बल्कि यह कि वे उनके पुत्र होंगे। यद्यपि एक मजदूर को जो भी मिलता है उसे कमाना पड़ता है और जो प्राप्त करता है उसके लिए काम करना पड़ता है, एक बेटा अपने पिता से सब कुछ मुफ्त में प्राप्त करता हैं।

परमेश्वर का मनुष्य को ग्रहण करना

जैसे कि छोटा बेटा अपने पिता के पास लौट रहा था, यह उसकी जानकारी से बहुत दूर था कि उसके पिता उसे ग्रहण करने की प्रतीक्षा कर रहे होंगे। बेटा उम्मीद कर रहा था कि उसे कई बार दरवाजा खटखटाना पडे़गा और उसके पिता अंत में किसी को दरवाजा खोलेने के लिए भेजेगा। फिर भी जब बेटा लौट रहा था और अभी भी दूर था उसके पिता ने उसे आते हुए देखा और उससे मिलने के लिए बाहर दौड़े, जबकि बेटे ने सोचा कि यह पिता के पास लौटने की बात थी, लेकिन इससे भी ज्यादा यह उसे ग्रहण करने के लिए पिता की प्रतिक्षा की बात थी।

जब उसने बेटे को देखा, पिता ने बेटे पर तरस खाया। क्योंकि उसका ह्रदय द्रवित हुआ था, यह उसके दौड़ने और अपने बेटे के गले से लिपटकर स्नेह से उसे चूमने का कारण बना। इस दौड़ने ने समय और उनके बीच की दूरी को कम किया। दौड़ने में पैर शामिल है_ बेटे के गर्दन से लिपटने में हाथ शामिल है_ चूमने में मुंह शामिल हैं जो भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम हैं। तो हम देख सकते हैं कि पिता का पूरा अस्तित्व अपने बेटे के लिए द्रवित हुआ। यह संकेत करता है कि स्वर्ग में जब परमेश्वर एक पश्चाताप करने वाले पापी को देखता है तो वह तरस खाता है और उसे मिलने के लिए दौड़ता है। अपने पूरे हृदय से वह पश्चाताप करने वाले पापी को गले लगाता है। पश्चाताप करने से पहले, कई लोग सोचते हैं कि परमेश्वर डरावना और भयानक है, लेकिन पश्चाताप के बाद उन्हें पता चलता है कि परमेश्वर कितना प्रिय और नजदीक है।

परमेश्वर का मनुष्य को न्यायोचित ठहराना

पिता के उसे चूमने के बाद, बेटे ने तुरंत अपने तैयार किये भाषण को शुरू कर दिया। लेकिन जब उसने अपने पहले तीन वाक्य समाप्त किए, तो पिता ने उसे रोक दिया। बेटे ने अभी यह कहा था, ‘‘मैं अब तेरा पुत्र कहलाने के योग्य नही रहा,’’ लेकिन पिता ने नौकरों से कहा, ‘‘जल्दी से अच्छे से अच्छा वस्त्र लाओ और उसे पहनाओ’’ (आ- 21-22)। पिता का हृृदय यह सह नहीं सका कि बेटा कह रहा था कि वह उसका पुत्र कहलाने के योग्य नहीं था। इसलिए उसने अपने दासों को अच्छे से अच्छा वस्त्र लाने के लिए कहा। अच्छे से अच्छा शब्द महत्वपूर्ण है। सबसे अच्छा वस्त्र वह वस्त्र है जो पहले से ही तैयार किया गया था। जब पिता ने बोला, दासों को पता था कि वह कौन सा वाला था। पिता को केवल ‘‘अच्छे से अच्छा वस्त्र’’ कहने की जरूरत थी और दासों ने तुरंत समझ लिया। पिता ने पुत्र के हाथ मे अंगूठी भी डाल दी और उसके पैरों पर जूते और उसके लिए मोटे बछड़े को काटा। यह सब पुत्र की उम्मीद से परे था।

जैसे पुत्र ने किया, हम भाषण तैयार करते हैं लेकिन परमेश्वर अच्छे से अच्छे वस्त्र को लाता है। ‘‘लेकिन’’ शब्द पर जोर देना चाहिए। नए नियम में यह एक बड़ा शब्द है। यह लेकिन हमें बचाता है—-हमारी निंदा की जानी चाहिए लेकिन परमेश्वर ने हमें न्यायी ठहराया; हमें नरक में जाना था लेकिन हम इसके बजाय स्वर्ग में जाते हैं। वस्त्र पहनना हमारी धार्मिकता के रूप में मसीह को संकेत करता है। जब एक पापी मसीह को पहनता है तो वह परमेश्वर से मेल खाता है और न्यायी ठहराया जाता है।

पिता ने पुत्र को जूते भी पहनाए। जूते मनुष्य को धरती से अलग करते हैं। जब एक मनुष्य परमेश्वर के पास वापस लौटता है और पवित्र आत्मा द्वारा न्यायी ठहराया और छापा जाता है, वह धरती से अलग होने में सक्षम बनता है। उसके पैरो में जूते डालने के बाद, पिता ने मोटे बछड़े को काटा। मोटे बछड़े को काटना मसीह को सूचित करता है जो हमारे जीवन और आनंद के रूप में हमारे लिए तैयार किया गया है। केवल जब मसीह हमारे अंदर आता है हम भरे हुए और खुश हो सकते हैं।

परमेश्वर और मनुष्य का

साथ में आनंद मनाना

यही समय था जब पिता और पुत्र ने खाया और पिया और एक साथ खुश थे। पुत्र के वापस आने से पहले पिता के पास कोई खुशी नहीं थी। जब पुत्र घर से दूर, भटक रहा था और पीड़ित था, पिता भी घर में पीड़ित था—-जब पापी परमेश्वर से दूर, भटक रहे और पीड़ित हैं, तो परमेश्वर खुश नहीं है। केवल जब पापी परमेश्वर के साथ घर पर खाते और आनंद मनाते हैं परमेश्वर खुश है।

जब एक पापी परमेश्वर के पास लौटता है, वह उनके द्वारा स्वीकार किया जाता है और न्यायी ठहराया जाता है। दूसरे शब्दों में, वह मिल गया है और वह जीवित है।

सुसमाचार-प्रभु के पास आना

 

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  • मैं दूर भटका परमेश्वर से
    अब मैं आऊं घर
    पाप के पथ पे चला बहुत
    प्रभु आऊं घर

आऊ घर आऊ घर
बस ना अब भटकूँ
खोल अपनी बांहें प्रेम की
प्रभु आऊं घर

  • कीमती साल बर्बाद किया
    अब मैं आऊं घर
    आँसुओं के साथ पश्चाताप
    प्रभु आऊं घर
  • थका पाप से, बहका प्रभु से
    अब मैं आऊं घर
    विश्वास वचन और प्रेम पर अब
    प्रभु आऊं घर
  • है प्राण रोगी, हृदय दुःखी
    अब मैं आऊं शान्ति लौटी,
    विश्वास फिर से प्रभु आऊं घर
  • मेरी आशा मेरा विश्वास
    अब मैं आऊं घर
    यीशु मरा मेरे लिए
    प्रभु आऊं घर
  • चाहता लहू का शान्तिकरण
    अब मैं आऊं घर
    ओ कर साफ, मुझे बर्फ जैसे
    प्रभु आऊं घर