चरवाही
श्रृंखला 1
उच्च सुसमाचार
पाठ नौ – मसीह का छुटकारा
इब्र- 9:12 और बकरों तथा बछड़ों के लहू द्वारा नहीं, वरन् स्वयं अपने लहु द्वारा सदा के लिए एक ही बार पवित्र स्थान में प्रवेश कर के अनन्त छुटकारा प्राप्त किया।
इफ-1:7 हमें, उसमें, उसके लहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात हमारे अपराधों की क्षमा, उसके अनुग्रह के धन के अनुसार मिली है।
परमेश्वर के छुटकारे का मार्ग
मृत्यु के माध्यम से होना
बाइबल के अनुसार, परमेश्वर की धार्मिकता माँग करती है कि सभी पापों का न्याय हो। मृत्यु ही एकमात्र तरीका है जिससे धार्मिकता से पाप का न्याय हो सकता है। इब्रानियों 9:22 कहता है ‘‘लहू बहाए बिना क्षमा है ही नहीं।’’ परमेश्वर को हमारे पापों का न्याय करने के लिए और उन्हें क्षमा करने के लिए, लहू के बहने की आवश्यकता है; अर्थात मृत्यु की आवश्यकता है। छुटकारे का कोई भी तरीका, जिसमें मृत्यु शामिल नहीं है, परमेश्वर की धर्मी आवश्यकता को पूरा नहीं कर सकता, यह परमेश्वर के स्तर से कम हैं।
फसह के मेमने के रूप में मसीह
छुटकारे के इस कार्य की सबसे अच्छी तस्वीर हम तब देखते हैं जब मसीह फसह का परमेश्वर का मेमना बनता है। पुराने नियम में इस्राएल की संतानें मिस्र में थीं जो एक बंधन और दासता की भूमि थी (निर्ग- 1:8-4)। अपने लोग इस्राएल को मुक्त करने को मिस्र के राजा को मजबूर करने के लिए, परमेश्वर ने इरादा किया कि वह भूमि से गुजरे और हर घराने के पहलौठे को नष्ट कर दे।
उसने इस्राएल की संतानों को मेमने को मारने और लहू को अपने घरों के दरवाजे की चौकी पर लगाने का आदेश दिया। रात में परमेश्वर का दूत भूमि से गुजरा और भूमि पर न्याय निष्पादित किया। उन सब घरों में जिनके द्वारों पर लहू नहीं था, पहिलौठे मारे गये, परन्तु जो लोग लहू की आड़ में छिपे थे, उन्हें बचाया गया और छुड़ाया गया—-बाइबल कहती है कि वह ‘‘परमेश्वर का मेमना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है’’ (यूहन्ना 1:29)।
पाप पर परमेश्वर के न्याय को
वहन करने के लिए
क्रूस पर मरना
जब उसे क्रूस पर चढ़ाया गया था, परमेश्वर ने उसे अस्वीकार कर दिया था। इस वजह से वह क्रूस पर से चिल्लाया, ‘‘हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’(मत्ती- 27:46)। वह परमेश्वर का पापरहित पुत्र था, फिर भी उसे परमेश्वर द्वारा छोड़ दिया गया था। अपने स्वयं के पापों के लिए नहीं बल्कि सभी मानव जाति के पापों के लिए परमेश्वर द्वारा उसका न्याय किया गया था (1 यूहन्ना 2:2)।
मसीह का लहू मनुष्य के लिए बोलता है
और मनुष्य को शांति देता है
बाइबल कहती है कि मसीह का लहू हमारे लिए बोलता है (इब्र- 12:24)जैसे कि एक वकील प्रतिवादी के लिए अदालत में बोलता है। इस लहू के द्वारा परमेश्वर शांति में है (रो. 5:9) क्योंकि उसकी धर्मी मांग पूरी हुई हैं। जब परमेश्वर शांति में है, तो हमारा विवेक भी शांति में है।
अगर आप देखते हैं कि मसीह के छुटकारे ने परमेश्वर को पूरी तरह से संतुष्ट कैसे किया है, आप परमेश्वर के साथ शांति में होंगे । मसीह के छुटकारे के माध्यम से, परमेश्वर ने मनुष्य के पापों को क्षमा किया (इफ-1:7)। जब परमेश्वर मनुष्य के पापों को क्षमा करता है, वह मनुष्य के पापों को भूल जाता है (इब्र- 8:12)। उसका क्षमा करना, उनका भूला देना है। परमेश्वर सब कुछ कर सकता है लेकिन वह उन लोगों के पापों को याद नहीं रख सकता है जिन्होंने मसीह के छुटकारे में विश्वास किया है। जो लोग मसीह के छुटकारे में विश्वास करते हैं वे परमेश्वर के सामने साफ, न्यायी, शुद्ध, दोषमुक्त, बेदाग और निष्कलंक हैं।
कितना अद्धभुत छुटकारा है
पिता की स्तुति- उसका छुटकारा
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- कितना अद्भुत छुटकारा,
मेरे कृपालु, प्रभु
ना देखा, सुना, ना जाना,
क्या तुमने किया हैं!
तू दिव्य और रहस्यमय,
श्रेष्ठ शब्दों से परे!
छुटकारा कितना आश्चर्य,
प्रशंसा से परे! - क्रूस पर बेधा मेरे लिए,
लहू और जल बहा
दिव्य जीवन हमें दिया,
कि हम मुक्ति पाए,
अनमोल लहू ने साफ किया,
हम होंगे ग्रहण योग्य
जीवन से नया जन्म पाया,
अब हम एक तेरे साथ। - तू दिव्य गेहूं जो मरा
कई गेहूं आये,
और जो मिलकर देह बन गई,
तेरे स्वभाव में भाग लें।
हम उसकी हैं बढ़ोतरी,
तू है हमारा सार
हमारे द्वारा तू जीये
और प्रकट हो जाए। - हम तेरी देह, तू हम में आ
और हम में निवास कर
हम में अपने घर को प्राप्त कर
कि भरोसा बनें।
हृदय को सन्तुष्ट करने को,हम तेरा प्रतिरूप,
तेरे साथ एक देह में हम,
सबको आनन्द करें। - तेरी याद में हम मिलते हैं
और देखते चिन्हों को,
महान छुटकारे के लिए
हम स्तुति से भरें।
हम बने तेरी देह, प्रभु,
निवासस्थान, दुल्हिन,
हम करते हैं आराधना
और स्तुति में रहें।