चरवाही

श्रृंखला 6

कलीसिया जीवन

पाठ आठ – नए मार्ग के अभ्यास में जीवनाड़ी-घर

प्रे- 5:42-वे प्रतिदिन मन्दिर में और घर-घर में शिक्षा देने तथा यह उपदेश करने में लगे कि यीशु ही मसीह है।

कलीसिया जीवन के पास

एक बहुत मजबूत घर का माहौल होना

परमेश्वर के वचन के अनुसार, परमेश्वर की कलीसिया पहले परमेश्वर का भवन, परिवार या घर है (1 तीम- 3:15)। उसके बाद यह परमेश्वर का राज्य है (रो-14:17)। घरों के बिना परमेश्वर के राज्य का होना मुश्किल है। आधार के रूप में घर के बिना, व्यक्तियों का होना मुश्किल है और एक राष्ट्र या राज्य स्थापित होना मुश्किल है।

मसीहत शैतान के छल का शिकार हो गयी है; इसने पूरी तरह से घरों की अनदेखी की है। मसीहत में घर की सभाओं की सोच के बिना केवल बड़ी सभाओं की परवाह की जाती है। मसीहत में एक व्यक्ति अपने अनुभव को एक साथ रखने के लिए कोई पात्र नहीं पाता है। गवाही को समर्थन करने के लिए कोई पात्र नहीं हैं और सत्य को सुरक्षित और बनाए रखने के लिए कोई पात्र नहीं हैं। रोमियों 16 पर विचार करें। बिना संदेह के, प्रेरितों के समय के दौरान, कलीसिया विश्वासियों के घरों में निर्मित हुई थी। हम जानते हैं कि रोमियों की पुस्तक एक वह पुस्तक है जो विशेष रूप से मसीह में आत्मिक जीवन के साथ और कलीसिया में जीवन जीने के साथ व्यवहार करती है। इस पुस्तक के अंत में एक पूरा अध्याय संतों को पौलुस के अभिवादन के लिए समर्पित किया है। उसके अभिवादन से, हम देख सकते हैं कि कई घर कलीसिया के लिए खुले थे। यह दिखाता है कि प्रेरितों के समय में कलीसिया जीवन के पास एक मजबूत घर का माहौल था।

यही कारण है कि प्रभु द्वारा दिये गये सब ऊर्जा, सामर्थ और समय के साथ हमें घरों के उचित माहौल को पुनःप्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। पहली चीज जो हमें करनी है वह यह है कि प्रत्येक संत के घर को हमें सभा की जगह बनाना है।

सुसमाचार के लिए एक द्वार

सुसमाचार के लिए वक्ता मनुष्य है। इसके अलावा, सुसमाचार का द्वार घर है। हम सुसमाचार के लिए वक्ता हैं और हमारे घर सुसमाचार के लिए द्वार हैं। यदि आपका घर प्रभु के उपयोग के लिए नहीं दिया गया है और आप सुसमाचार केवल व्यक्तिगत रूप में करते हैं तो एक वक्ता होगा मगर द्वार नहीं। प्रेरितों की पुस्तक हमें दिखाती है कि पतरस के समय में, चेलों ने न केवल ‘‘घर-घर में’’ रोटी तोड़ी (2:46) लेकिन ‘‘घर-घर’’ में सुसमाचार के रूप में यीशु मसीह को घोषित भी किया (5:42)। यूनानी भाषा में, घोषणा शब्द सुसमाचार शब्द का क्रिया रूप है, जिसका अर्थ है कि उन्होंने मसीह के रूप में यीशु के सुसमाचार को घोषित किया।

घरों में

सुसमाचार का प्रचार करना

लूका 5 हमें एक अति उत्कृष्ट उदाहरण देता है। प्रभु यीशु ने एक चुंगी लेने वाले को देखा जिसका नाम लेवि था, जो पैसों का दास था और उसने उसे अपना पीछा करने के लिए बुलाया। प्रभु की आवाज सुनने पर, लेवि ने सब छोड़ दिया और प्रभु का पीछा किया। इस तरह वह बच गया। अपने उद्धार के बाद उसने प्रभु यीशु के लिए अपने घर में एक बड़ा भोज दिया। उसने कई चुंगी लेनेवालों और पापियों को आमंत्रित किया (आ- 27-29)। क्योंकि वह खुद एक नीच पापी था, मित्रों के रूप में उसके पास अच्छे मनुष्य नहीं थे बल्कि बुरे मनुष्यों की एक भीड़ थी, जिन सभी को उसने प्रभु के साथ दावत में बैठने के लिए आमंत्रित किया। प्रभु मुख्य मेहमान थे और उनका साथ देने के लिए आमंत्रित किए गए अन्य सभी मेहमान पापी थे। यह सुसमाचार प्रचार के लिए घरों को खोलने का एक अच्छा उदाहरण है। जब हम घरों को खोलते हैं तो सुसमाचार के लिए एक द्वार होगा।

एक खुले घर की आशीषें

इसलिए, मैं आशा करता हूँ कि यीशु को एक बड़ा भोज देने के लिए आप अपने घरों को खोलेंगे, और मेहमानों के रूप में ‘‘पापियों’’ को आमंत्रित करेंगे ताकि आप उनसे सुसमाचार प्रचार कर सकें। यदि आप अपने घरों को खोलते हैं, तो यह एक नुकसान नहीं बल्कि एक आशीष होगी। प्रभु ने खुद कहा कि जो उनसे प्रेम रखता है वह उनके ऊपर हजारों पीढ़ियों तक करुणा दिखाएगा (निर्ग- 20:6)। इसलिए, अनंतकाल की खातिर, हम सभी को हमारे घरों को खोलकर प्रभु के सुसमाचार के लिए एक द्वार देना चाहिए। इस तरह, आशीष न केवल हमारे लिए बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी के लिए हमारे बेटों और बेटियों के लिए भी आ जाएगी।

 

सुसमाचार प्रचार करना- जीवन के बहाव के द्वारा

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1 सुसमाचार को पहुँचाना
आन्तरिक जीवन का बहाव
हमारी गवाही द्वारा
पापियों को हम पाते।

देना प्रभु जीवित बहाव
तेरा जीवन प्रकट हो
तेरे जीवित पात्रें द्वारा
लोगों को सजीव करें।

2 जीवन से विश्वास दिलाना
ताकि लोग विश्वास करें
जीवन के प्रदान के द्वारा
लोग जीवन को प्राप्त करें

3 हमेशा प्रभु में बन कर
डॉलिया फल लाती हैं
आन्तरिक जीवन बहाव द्वारा
मसीह को हम बांटते हैं।

4 हमारा जीवन प्रचार हो,
मसीह को प्रकट करें
शिक्षा ना हम प्रचार करते
जीवन का बीज बोते हैं।