चरवाही

श्रृंखला 6

कलीसिया जीवन

पाठ सात – अद्वितीय रूप से सुसमाचार के लिए जीना

प्रे- 8:4-5-अतः जो तितर-बितर हुए थे, घूम- घूम कर वचन का प्रचार करने लगे, और फिलिप्पुस सामरिया नगर में जाकर लोंगों में मसीह का प्रचार करने लगा।

1 तीम- 2:4-जो यह चाहता है कि सब लोग उद्धार प्राप्त करें और सत्य को जाने।

सुसमाचार की परिभाषा

सुसमाचार मसीह है जो प्रक्रिया से गुजरे त्रिएक परमेश्वर का ही देहरूप है, और जो परिपूर्ण आत्मा के रूप में हम तक पहुंचता है, जो हमारे आनंद के लिए त्रिएक परमेश्वर की परिपूर्णता है। सत्य के अनुसार, सुसमाचार संपूर्ण नया नियम है। मसीही यह कहने में अभ्यस्त हैं कि चार सुसमाचार हैं लेकिन पौलुस ने हमें बताया कि रोमियों की संपूर्ण पुस्तक परमेश्वर का सुसमाचार है (1:1,15)। इसमें परमेश्वर का प्रचार, परमेश्वर द्वारा पतित मनुष्य की निंदा और देह जीवन शामिल है, यहाँ तक कि अध्याय 16 में स्थानीय कलीसियाएं भी। क्या आपने कभी सुसमाचार की परिभाषा का इस तरह का विस्तृत दृष्टिकोण पाया है? व्यक्तिगत रूप से, सुसमाचार एक अद्भुत व्यक्ति है, और सत्य के अनुसार, सुसमाचार नए नियम का सत्ताईस पुस्तकों का संपूर्ण दिव्य प्रकाशन है। परमेश्वर के नए नियम का प्रबंध सुसमाचार है। हमें इस तरह के सुसमाचार में विश्वास करना है, इस तरह के सुसमाचार को प्रचार करना है और अद्वितीय रूप से इस तरह के सुसमाचार के लिए जीना है। परिपूर्ण आत्मा, जो हम तक पहुंचने वाला स्वयं परमेश्वर है, आखिरकार प्रकाशितव्याक्य में सात आत्माएँ बन गया (1:4; 4:5; 5:6)। सात आत्माएँ भी सुसमाचार के भाग हैं।

सुसमाचार के लिए अद्वितीय रूप से जीना

मेरा इरादा आपको प्रभावित करना है कि विश्व में और आज इस पृथ्वी पर कुछ है जिसे सुसमाचार कहते हैं जिसके लिए जीने के लिए हमें याद दिलाया जाता है और हमें आज्ञा दी जाती है। प्रभु ने हमें इस सुसमाचार के लिए अद्वितीय रूप से जीने की आज्ञा दी है। हम इस पृथ्वी पर क्यों जीते हैं? क्या हम अधिक पैसा कमाने के लिए हमारे व्यापार या काम के लिए जीते हैं? मनुष्य किस के लिए जीता है? बेचारे मानवीय समाज के पास बहुत ज्यादा कार्य हैं लेकिन कोई लक्ष्य नही है। क्या हमारे पास लक्ष्य है? हमारा लक्ष्य सुसमाचार है और हमारा सुसमाचार त्रिएक परमेश्वर है जो हमारे अंदर, हमारे उद्धार, जीवन, जीवन की आपूर्ति और सर्व-सम्मिलित आनंद के रूप में साक्षात आत्मा होने के लिए प्रक्रिया से गुजरा हुआ है।

इस तरह के सुसमाचार के लिए अद्वितीय रूप से जीना कैसा एक आश्चर्य और कैसी एक महिमा है! मैं पचास सालों से अधिक इस सुसमाचार के लिए अद्वितीय रूप से जी रहा हूं। इसके लिए हालेलुयाह! यह इसके योग्य है! जब मैं प्रभु द्वारा बुलाया गया था, मेरी सोच यह थी कि परमेश्वर ने मुझे इसलिए बुलाया कि मैं मेरे जिले के सभी गांवों में प्रचार करुं और सिखाऊं, मेरे पूरे प्रांत तक ही नहीं। यदि मेरी पूरी जिंदगी में मैंने ऐसा किया होता, मैं बहुत खुश होता। मैंने कभी नहीं सोचा कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया के कई अन्य भागों में अंतरराष्ट्रीय स्रोतागणों से बात करुंगा। प्रभु की दया से मैं सुसमाचार के लिए अद्वितीय रूप से जी रहा हूँ।

मसीह के

अधिकार के साथ जाना

मत्ती के सुसमाचार के अंत में, पुनरुत्थान में प्रक्रिया से गुजरे त्रिएक परमेश्वर के देहरूप के रूप में प्रभु आया और हमें बताया कि स्वर्ग और पृथ्वी के सभी अधिकार उसको दिये गये थे (28:18)। संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति, पूरे अधिकार के साथ, अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए कई देशों में राजदूतों को भेजते हैं, लेकिन हमें इस तरह का अधिकार, यानी कि, स्वर्ग में और पृथ्वी पर सारे अधिकार की जरूरत क्यों है? हमें सब जातियों के लोगों को चेले बनाने के लिए इस अधिकार की जरूरत है। हम सभी को खुद से पूछना चाहिए कि हम ने कितनों को चेला बनाया है। क्या आपने उसमें विश्वास किया है? क्या आपने उसे ग्रहण किया है? क्या वह आपके अंदर जी रहा है? क्या आप उसके साथ एक आत्मा हैं? क्या आप उसमें बने रहते हैं? क्या वह तुझ में बना रहता है? क्या आप और वह एक हैं? अगर आप इन प्रश्नों के लिए हाँ कहते हैं, तो आपके पास जाने के लिए स्वर्ग और पृथ्वी का अधिकार है! जाओ शब्द की कीमत और महत्व की माप नहीं कर सकते। जाओ, जाओ, जाओ! पहले यरूशलेम जाओ, फिर यहूदिया, फिर सामरिया और फिर पृथ्वी के छोर तक जाओ (प्रे-1:8)। सभी देशों के सभी घरों में जाओ। आपके चचेरे भाई-बहिन के घर जाओ, आपके ससुराल वालों के घर जाओ। सब जातियों के लोगों को चेले बनाने के लिए घरों में जाओ।

फल न लाने की

गंभीरता

क्या आप सालों भर फलहीन परिस्थिति में रहना पसंद करते हैं? दूसरा पतरस इंगित करता है कि यह संभव है कि हम निकम्मे और निष्फल या फलहीन हो सकते हैं (1:8)। अगर कल सुबह प्रभु वापस आता है। फिर मत्ती 25 में उनके वचन के अनुसार, जो आप कर रहे हैं, उसका हिसाब आपको उसे देना होगा। आप उससे क्या कहोगे? क्या आप उसन से कहोगे कि अपने इलाके में आपके पास एक अच्छा कलीसिया जीवन था और यह कि जो भी उसने दिया अभी भी यहाँ है? क्या आप उस से कहेंगे कि वह एक कठोर मनुष्य है जो जहाँ कहीं नहीं बोता वहाँ काटता है और जहाँ नहीं छांटता वहाँ बटोरता है? प्रभु क्या कहेगा? क्या प्रभु यह कहेगा, ‘‘धन्य, हे अच्छा और विश्वासयोग्य दास—अपने स्वामी के आनन्द में सहभागी हो’’ (25:23)? या क्या वह आपको एक दुष्ट और आलसी दास कहेगा (25:26)? मत्ती 25 के अनुसार, वह आपको कहां रखेगा? यह मत भूलो कि जो बाहर के अंधेरे में डाल दिया गया है वह वह है जिसने वास्तविक वरदान, एक तोड़ा प्राप्त किया है। यह न केवल बचाया गया था बल्कि उसे वरदान भी दिया गया था। प्रभु वास्तविक है, वह सच में वापस आएगा और मत्ती 25 में बोला गया उसका वचन पूरा होगा। यह एक गंभीर और सत्यनिष्ट बात है।

प्रभु का हमें जाने और

फल लाने के लिए नियुक्त करना

यूहन्ना 15:16 कहता है, ‘‘तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैंने तुम्हें चुना है और तुम्हें नियुक्त किया कि तुम जाकर फल लाओ और तुम्हारा फल बना रहे।’’ इस आयत में कुछ शब्द हैं जो बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहला शब्द नियुक्त है। हम ने स्वयं को नहीं चुना लेकिन उसने हमें चुना है। दाखलता, मसीह की डाली होने की बात में हमें कोई चयन नहीं मिलता क्योंकि उसने हमें पकड़ लिया है। उसने हमें चुना है और फल लाने के लिए नियुक्त किया है। फल लाना प्रभु की नियुक्ति, उसका नियतन है। उसने हमें कुछ और करने की नियत नहीं दी। उसने हमें फल लाने के लिए नियुक्त किया। प्रभु ने हमें जाने की और फल लाने की आज्ञा दी। क्या डाली जा सकती है? एक भौतिक पेड़ की डालियां नहीं जाती। लेकिन हम केवल जीवित डालियां नहीं बल्कि गतिशील डालियां भी हैं। यह इंगति करता है कि हमें लोगों तक पहुँचना है।

सभी मनुष्यों का कर्जदार होना

पौलुस ने कहा कि वह सभी मनुष्यों का कर्जदार है (रो-1:14)। मैं आशा करता हूँ कि हमारे पास वही आत्मा होगी जिससे हम देख सकें कि हम वे हैं जिन्हें सुसमाचार के कर्ज को देना है। पौलुस ने यह भी कहा कि यदि उसने सुसमाचार का प्रचार नहीं किया तो उस पर हाय, लेकिन यदि वह सुसमाचार प्रचार करता है तो उसको इनाम मिलता है (1 कुर- 9:16-17)। मैं आशा करता हूँ कि हम सब प्रभु की गवाही बनने के लिए खड़े होंगे ताकि सुसमाचार के लिए हम इनाम पा सकें।

 

सुसमाचार प्रचार करना- जीवन के बहाव के द्वारा

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1 सुसमाचार को पहुँचाना
आन्तरिक जीवन का बहाव
हमारी गवाही द्वारा
पापियों को हम पाते।

देना प्रभु जीवित बहाव
तेरा जीवन प्रकट हो
तेरे जीवित पात्रें द्वारा
लोगों को सजीव करें।

2 जीवन से विश्वास दिलाना
ताकि लोग विश्वास करें
जीवन के प्रदान के द्वारा
लोग जीवन को प्राप्त करें

3 हमेशा प्रभु में बन कर
डॉलिया फल लाती हैं
आन्तरिक जीवन बहाव द्वारा
मसीह को हम बांटते हैं।

4 हमारा जीवन प्रचार हो,
मसीह को प्रकट करें
शिक्षा ना हम प्रचार करते
जीवन का बीज बोते हैं।