चरवाही

श्रृंखला 6

कलीसिया जीवन

पाठ बारह – प्रभु के मेज की सभा

1 कुर- 11:24-25-और उसने धन्यवाद देकर रोटी तोड़ी और कहा, यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिये हैः मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।  इसी प्रकार भोजन के पश्चात उसने यह कहते हुए कटोरा भी लिया, मेरे लहू में नई वाचा का कटोरा है। जब जब तुम इसमें से पीओ तब-तब मेरे स्मरण के लिए यही किया करो।

प्रभु को स्मरण करना-

केंद्र के रूप में प्रभु के साथ

रोटी तोड़ने की सभा प्रभु के आनंद के लिए, प्रभु के स्मरण को केंद्र रखकर, प्रभु को स्मरण करने के अलावा और किसी चीज के लिए नहीं है। इस सभा में सब को, चाहे गीत गाना, प्रार्थना, बाइबल पढ़ना या प्रेरणा के शब्द, प्रभु को केंद्र के रूप में लेना चाहिए, उसके व्यक्ति और कार्य, उसका प्रेम और गुण, उसका जीना और पृथ्वी पर पीड़ा या स्वर्ग में आदर या महिमा के विषय में बोलना है ताकि दूसरे लोग इन चीजों पर विचार करके और एहसास करके स्वयं प्रभु को स्मरण कर सकते हैं। ऐसी सभा में, हमें हमारे हृदयों में प्रभु के बारे में सोचना चाहिए और हमें हमारी आत्मा में प्रभु को देखना चाहिए ताकि हम प्रभु के प्रति प्रेरित हो जाएं। तब हम हमारी प्रेरणा को गाने, प्रार्थनाओं, बाइबल पढ़ने या शब्दों के माध्यम से व्यक्त करेंगे ताकि पूरी सभा की अनुभूति प्रभु कि ओर निर्देशित की जाए और सभी प्रभु को स्मरण करें।

प्रभु को

स्मरण करने का अभ्यास

रोटी को खाने के द्वारा

प्रभु को स्मरण करने के विषय में अगला महत्वपूर्ण बिंदु हमारा रोटी खाना है कि हम मसीह के रहस्यमय देह में संगति को आनंद करें। रोटी को तोड़ना मुख्य रूप से संकेत करता है कि प्रभु का भौतिक शरीर क्रूस पर हमारे लिए तोड़ा गया था। रोटी को खाना, जो रोटी को अंदर लेना है, मुख्य रूप से मसीह की रहस्यमय देह में संगति को दर्शाता है (1 कुर- 10:16-17)।

प्याले को पीने के द्वारा

हमारा प्याले को पीना नई वाचा के छुटकारे की समीक्षा करना है। इस बिंदु के लिए मत्ती 26:27-28 पढ़ना अच्छा होगाः ‘‘फिर उसने कटोरा लेकर, धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, तुम सब इस में से पीओ। क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिए पापों की क्षमा के निमित बहाया जाता है।’’

रोटी को खाना जीवन को ग्रहण करना है_ कटोरे को पीना आशीष प्राप्त करना है। बाइबल में रोटी को जीवन की रोटी कहा गया है (यूहन्ना 6:35) और प्याले को आशीर्वाद का प्याला कहा गया है (1 कुर-10:16)। इस रीति से, रोटी को खाने का मतलब जीवन आपूर्ति को पाना और प्याले को पीने का मतलब आशीष को पाना है। एक प्याले को पीने में हमारे पास एक संयुक्त और आपसी भागीदारी है। खाना और पीना दोनों एकता और सहभागिता, संगति को संकेत करते हैं।

प्रभु की मेज पर, हम प्रभु की मृत्यु को याद नहीं करते, लेकिन हम प्रभु की मृत्यु की घोषणा, प्रचार, प्रदर्शन करते हैं। पहला कुरिन्थियों 11:26 कहता है, ‘‘क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो।’’

पहला कुरिन्थियों 11:26 कहता है कि जब तक वह न आए, प्रभु की मृत्यु को हम प्रचार करते हैं। जब हम प्रभु की मृत्यु का प्रदर्शन करते हैं, हम प्रभु के दूसरे आगमन की इच्छा व्यक्त करते हैं।

पिता की आराधना करना-

केंद्र के रूप में पिता के साथ

रोटी को तोड़ने और प्याले को पीने के बाद, प्रभु हमें पिता की आराधना करने की अगुवाई करेगा। यह मत्ती 26:30 पर आधारित है, जो कहता है कि प्रभु ने अपने शिष्यों के साथ अपना भोजन करने के बाद उनके साथ एक गीत गाया। यह गीत प्रभु द्वारा अपने शिष्यों के साथ पिता के प्रति गाया गया था। प्रभु की मेज में, प्रभु पिता की स्तुति करने के लिए, पिता की आराधना करने के लिए नेतृत्व लेता है।

इब्रानियों 2:12 के अनुसार, जब हम प्रभु की याद में रोटी तोड़ते हैं, तो हमें प्रभु की अगुवाई से पिता की आराधना करनी चाहिए। सभा के इस भाग में, हम पिता को केंद्र के रूप में लेते हैं, और जैसे गीत #52 में चित्रित किया है, पिता के प्रति हमारे सारे स्तुतिगान हमारे भीतर का प्रभु है जो हमें अगुवाई करता है कि हम पिता के प्रति स्तुति गाएं।

 

प्रभु की स्तुति- उसकी यादगार

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1 प्रभु धन्यवाद मेज के लिए
रोटी और दाखरस के साथ
दिव्य प्रेम के भोज के रूप में
तेरा आनन्द करते हैं
रोटी में भाग लेते जैसे
उसकी देह हमें दी गई
हम भाग लेते दाखरस में
जो हमारे लिए बहाया।

देखो, पवित्र मेज को
पवित्र चिन्हों के साथ
इसके महत्व प्रतिरूप में
अखोजनीय हैं!

2 छुटकारे की मृत्यु द्वारा
अपना जीवन प्रदान किया
तू ने अपने आप को दिया
कि हम उसको बांट सकें
रोटी और दाखरस के द्वारा
मृत्यु का प्रदर्शन करते
तुझे खाने पीने से हम
प्रेम के साथ याद करते हैं।

3 तेरी एक रहस्यमय देह को
रोटी सूचित करती है
हम एक समान बन्धन में सब
उसके साथ एक होते हैं।
आशीष के प्याले के द्वारा
जिसे हम आशीष देते हैं।
सब विश्वासियों के साथ लहू
के द्वारा सम्मिलित है।

4 हमारा अनन्त भाग है तू?
पूर्वस्वाद को हम लेते हैं
इंतजार करते राज्य का
आगमन शीघ्र करता
राज्य में तेरे आगमन में
सारे जयवन्तों के साथ।
नये ढंग से भोज करेंगे
प्यारी दुल्हिन बन जायेंगे।