चरवाही
श्रृंखला 5
सत्य को जानना
पाठ सात – कलीसिया
इफ- 3:9-11- और सब पर यह बात प्रकाशित करूँ कि उस भेद का प्रबंध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था।
10 ताकि अब कलीसिया के द्वारा, परमेश्वर का विभिन्न प्रकार का ज्ञान उन प्रधानों और अधिकारियों पर जो स्वर्गीय स्थानों में हैं, प्रकट किया जाए।
11 यह उस अनंत अभिप्राय के अनुसार हुआ जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी।
बाहर बुलायी गयी सभा
‘‘कलीसिया’’ अनुवादित किया गया यूनानी शब्द एकलेसिया है, जो दो शब्दों से बना है एक, ‘‘बाहर’’, और केलीयों, ‘‘बुलाया गया।’’ एक साथ रखते हुए, इन दो शब्दों का अर्थ ‘‘एक बाहर बुलायी गयी मंडली’’ और ‘‘एक बुलाये गये लोगों की सभा।’’ इसलिए, शब्द के शाब्दिक अर्थ के अनुसार, कलीसिया परमेश्वर के द्वारा संसार से बुलाये गये उन लोगों की सभा है।
प्राचीन समय में नगर का महापौर किसी विशेष उद्देश्य के लिए कभी कभी मंडली के रूप में, सभा के रूप में लोगों को एक साथ बुलाया करते थे। ऐसी सभा के लिए उपयोग किया गया यूनानी शब्द एकलेसिया है (प्रे- 19:41)। जिस बिन्दु पर हम यहां जोर देना चाहते हैं, यह है एकलेसिया शब्द, बाइबल संबंधी उपयोग के अनुसार बाहर बुलायी गयी मंडली के रूप में कलीसिया को संदर्भित करता है। कलीसिया परमेश्वर के उद्देश्य के लिए संसार से अलग बुलायी गयी मंडली है। एकलेसिया को ‘‘कलीसिया’’ जैसे नहीं बल्कि ‘‘सभा’’ जैसे अनुवाद करना अधिक बेहतर है। ब्रदरन शिक्षक इस पर दृढ़ रहे, और ब्रदरन के बीच में मंडलियां ब्रदरन सभाओं के रूप में जानी जाती हैं। मैं उनके सभा शब्द के इस्तेमाल से सहमत हूँ।
परमेश्वर का घर
तीन आयत, 1 तीमुथियुस 3:15, इब्रानियों 3:6_ और 1 पतरस 4:17 यह प्रकट करती है कि कलीसिया परमेश्वर का घर है। पहला तीमुथियुस 3:15 में पौलुस कहता है, ;यदि मेरे आने मे विलम्ब हो जाए तो तुझे मालूम रहे कि परमेश्वर के परिवार में, जो जीवित परमेश्वर की कलीसिया और सत्य का स्तम्भ तथा आधार है, तेरा व्यवहार कैसा होना चाहिए। परमेश्वर के निवास स्थान के रूप में, कलीसिया परमेश्वर का घर और उसका घराना, उसका परिवार दोनों है। पुराने नियम में मंदिर और परमेश्वर के लोग दो भिन्न चीजें थीं, लेकिन नये नियम की परिपूर्णता में निवास स्थान और परिवार एक हैं। परमेश्वर के नये नियम के गृह प्रबंध के अनुसार, परमेश्वर का घर उसका परिवार है—एक और आयत जो कलीसिया को परमेश्वर के घर के रूप में बताती है इब्रानियों 3:6 है। यह आयत मसीह को संदर्भित करती है—‘‘जो एक पुत्र के समान परमेश्वर के घर का अधिकारी है, जिसका घर हम हैं।
परमेश्वर का राज्य
इफिसियों 2:19 कहता है,तुम अब विदेशी और अजनबी न रहे, परंतु पवित्र लोगों के संगी स्वदेशी और परमेश्वर के कुटुम्ब के बन गये हो। संगी स्वदेशी शब्द परमेश्वर के राज्य को सूचित करता है। सभी विश्वासी, यहूदी और गैरयहूदी, परमेश्वर के राज्य के नागरिक हैं, जो एक क्षेत्र है जिसमें परमेश्वर अपने अधिकार को प्रयोग करता है। अगर कोई भी विश्वासी है, वह परमेश्वर के राज्य का नागरिक है। इस नागरिकता में अधिकार और जिम्मेदारियां शामिल हैं, दो बातें जो हमेशा एक साथ चलती हैं। हम राज्य के अधिकार को आनंद करते हैं, और हम राज्य की जिम्मेदारी लेते हैं।
मसीह की देह
इफिसियों 1:22 और 23 दर्शाता है कि कलीसिया मसीह की देह है। उसने सब कुछ उसके पैरों तले कर दिया और उसे सब वस्तुओं पर शिरोमणि ठहराकर कलीसिया को दे दिया, जो उसकी देह है, और उसकी परिपूर्णता है जो सब में सब कुछ पूर्ण करता है। कलीसिया एक संगठन नहीं है बल्कि एक जैविक देह है, जो सभी विश्वासियों से गठित है, जिनका नया जन्म हुआ है और जिनके पास, सिर की अभिव्यक्ति के लिए परमेश्वर का जीवन है। देह सिर की परिपूर्णता है, और परिपूर्णता सिर की अभिव्यक्ति है।
मसीह की अर्द्धांगिनी
इफिसियों 5:22-23 में अपने प्रोत्साहन में, पौलुस कलीसिया को मसीह की अर्द्धांगिनी के रूप में प्रस्तुत करता है। यह दर्शाता है कि कलीसिया वास्तव में मसीह का भाग है, क्योंकि कलीसिया मसीह से बाहर आती है और मसीह के लिए है, जैसे कि हव्वा आदम से बाहर आयी और आदम के लिए थी (उत- 2:21-23)।
मसीह की अर्द्धांगिनी के रूप में कलीसिया का तात्पर्य प्रेम में संतुष्टि और आराम है। हर पति को संतुष्टि और आराम की आवश्यकता है, जो प्रेम में पाया जाता है।
नया मनुष्य
इफिसियों 2:15 कहता है, और अपने शरीर में बैर, अर्थात् व्यवस्था की उन आज्ञाओं को जो विधियों की रीति पर आधारित थीं, मिटा दिया कि दोनों से अपने में एक नये मनुष्य की सृष्टि करके मेल कर दे। इफिसियों 4:24 कहता है, और नये मनुष्यत्व को पहिन लो जो परमेश्वर के अनुरूप सत्य की धार्मिकता और पवित्रता में सृजा गया है। इसके अलावा, कुलुस्सियों 3:10 कहता है, और नये मनुष्यत्व को पहिन लिया है जो अपने सृष्टिकर्ता के स्वरूप के अनुसार सत्य ज्ञान प्राप्त करने के लिए नया बनता जाता है।
कलीसिया बाहर बुलाये गये लोगों की सभा के रूप में, कलीसिया का प्राथमिक पहलू है। इस पहलू से हमें परमेश्वर के घर और परमेश्वर के राज्य के पहलुओं तक आगे जाने की आवश्यकता है। यह प्राथमिक पहलू से उच्च है लेकिन मसीह की देह के पहलू से ज्यादा उच्च नहीं है। फिर भी नया मनुष्य मसीह की देह से ज्यादा उच्च है। इस प्रकार, कलीसिया केवल विश्वासियों की एक सभा, स्वर्गीय नागरिकों का एक राज्य, परमेश्वर की संतानों का एक घराना नहीं है, न ही यहां तक कि मसीह के लिए एक देह। इस से भी उच्च पहलू में, कलीसिया परमेश्वर के अनंत उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक नया मनुष्य है। कलीसिया का मसीह की देह होने का जोर जीवन पर है, जबकि कलीसिया का नया मनुष्य होने का जोर व्यक्ति पर है। मसीह की देह के रूप में, कलीसिया को अपने जीवन के रूप में मसीह की आवश्यकता है। नये मनुष्य के रूप में, अपने व्यक्ति के रूप में मसीह की आवश्यकता है। जीवन के बिना एक शरीर, शरीर नहीं बल्कि लाश है। हालांकि, जब शरीर को कुछ करना है, इसका जीवन के द्वारा नहीं बल्कि व्यक्ति के द्वारा फैसला लिया जाता है। इसलिए, नये मनुष्य में हमें अपने व्यक्ति के रूप में मसीह को लेने की आवश्यकता है। सामूहिक व्यक्ति के रूप में नये मनुष्य को ऐसा जीवन जीना चाहिए जैसा पृथ्वी पर यीशु ने जीया, अर्थात्, सत्य का जीवन, परमेश्वर को अभिव्यक्त करते हुए और मनुष्य के द्वारा वास्तविकता के रूप में परमेश्वर को एहसास करने का कारण बनते हुए।
सोने की दीवटें
बाइबल में एक मुख्य चिन्ह दीवट का है। प्रकाशितवाक्य 1:12 कहता है, तब मैं उसे, जो मुझ से बोल रहा था, देखने को मुड़ा और फिरकर मैंने सोने के सात दीवट देखे। प्रकाशितवाक्य 1:20 व्याख्या करता है कि सात दीवट सात कलीसियाएं हैं। इसलिए कलीसिया को दीवट द्वारा सूचित किया गया है।
सोने की दीवट से संबंधित प्रकाशन निर्गमन, जकर्याह, और प्रकाशितवाक्य मे पाया जाता है। निर्गमन में दीवट त्रिएक परमेश्वर के देहरूप के रूप में मसीह को सूचित करता है। जकर्याह में दीवट परमेश्वर की गवाही के रूप में इस्राएल के देश को सूचित करता है। प्रकाशितवाक्य में दीवट मसीह की गवाही के लिए परमेश्वर के जीवित देहरूप के रूप में कलीसिया को सूचित करता है। अतः दीवट मसीह का, इस्राएल की देश का, और कलीसिया का चिन्ह है। इसके अलावा, दीवट त्रिएक परमेश्वर के देहरूप को सूचित करता है। मसीह के साथ, इस्राएल के साथ, और कलीसिया के साथ सोने की दीवट त्रिएक परमेश्वर के देहरूप की चित्रण है।
कलीसिया मसीह की खुद की देह है
कलीसिया- उसकी सामान्य परिभाषा
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1 मसीह की देह कलीसिया
पिता का निवास स्थान
बुलाये लोगों की सभा
मानव के साथ मिश्रण
सृष्टि के पूर्व चुने गये
छुड़ाया मृत्यु से
उसका स्वभाव और पद्वी
स्वर्ग का ना भौतिक है।
2 नई सृष्टि का मनुष्य
प्रभु से जन्मा है
आत्मा में बपतिस्मा लिया
वचन द्वारा पवित्र
मसीह जीवन और सार है
और महिमामय सिर
सब शत्रुओं के उपर
उसके साथ चढ़ गया।
3 उसकी एक नींव मसीह है
कोई और ना डाल सकें
सब कुछ जो उसके पास है
हर रूप में दिव्य है
अंग जो आत्मा के द्वारा
मृत्यु को अपनाते
पुनरूत्थान में निर्माण
सोना, चॉदी कीमती पत्थर।
4 खुदा, प्रभु, आत्मा एक
उसके तत्व एक है
एक विश्वास, आशा, बपतिस्मा
पुत्र में एक देह है
उसमें त्रिएक परमेश्वर
एक देह के अंग है
विश्वास में एक हो गये
महिमा की आशा में।
5 हर जाति और वर्गो से
आते हैं सारे अंग
उन वर्गो की अपेक्षा
संयुक्त हो गया है
वहॉ न उॅचा नीचा
और ना अन्यजाति
न मुक्त, न दास, न स्वामी
पर एक ’’नया मनुष्य’’
6 एक देह है सार्वभौमिक
हर एक जगह प्रकट
निवास का स्थान है उसका
केवल भूमि रखता
स्थानीय है प्रशासन
देना जवाब उसको
सार्वभौमिक संगति
एक मन में थामते हैं।
7 स्थानीय मिलन का रूप
नया यरूशलेम
उसका पहलू और विवरण
सब में देखना है
मसीह दीवट जो चमकता
परमेश्वर के साथ उसमें
महिमामय रूप को
दीवट प्रकट करता।