चरवाही

श्रृंखला 5

सत्य को जानना

पाठ तीन – परिपूर्ण हुआ आत्मा

यूहन्ना 7:39-उसने यह वचन उस आत्मा के विषय में कहा, जिसे उस पर विश्वास करने वाले पाने पर थे_ क्योकि आत्मा अब तक न था_ क्योकि यीशु अब तक अपनी महिमा को न पहुँचा था।

नए नियम में

आत्मा की परिपूर्ती

नए नियम की शुरूआत में, जब मसीह का गर्भ धारण और जन्म होने वाला था, पहली बार पवित्र आत्मा का उल्लेख किया गया है (मत्ती- 1:18, 20)। मसीह का गर्भाधान और मसीह का जन्म पूरी तरह से पवित्र आत्मा के द्वारा हुआ था। यहाँ पवित्र आत्मा पर ज्यादा जोर दिया गया हैं। मसीह इस आत्मा से गर्भाधान हुआ और इस आत्मा के द्वारा जन्म लिया।

प्रभु धरती पर तीस साल के लिए रहाः फिर उसने साढ़े तीन साल तक सेवा की। वह आत्मा से जन्मा और उसने परमेश्वर के आत्मा के द्वारा काम किया। फिर यूहन्ना 7 में, अपनी साढ़े तीन साल की सेवकाई के अंत में, उसने  प्यासे लोगों को अपने पास बुलाया और पीने को कहा और कहा कि उसके अन्तरतम भागों से जीवन के जल की नदियाँ बह निकलेंगी (आ- 37-38)। प्रेरित यूहन्ना ने कहा कि प्रभु ने यह वचन आत्मा के विषय में कहा- परमेश्वर के आत्मा के बारे में नहीं, पवित्र आत्मा के बारे में नहीं, बल्कि आत्मा के विषय में-जिसे उस पर विश्वास करनेवाले पाने वाले थे_ ‘‘क्योकि’’ यूहन्ना ने लिखा, ‘‘आत्मा अब तक न था।’’ परमेश्वर का आत्मा उत्पत्ति 1 में था और पवित्र आत्मा मत्ती- 1 में था। धरती पर प्रभु की सेवकाई के अंत के निकट, यूहन्ना ने हमें क्यों बताया कि वह आत्मा जिसे उस पर विश्वास करनेवाले पाने वाले थे ‘‘अब तक न था?’’

यह जीवन दायक आत्मा,

वह आत्मा है

जो मसीह के पुनरुत्थान में और

पुनरुत्थान के द्वारा उत्पन्न हुआ

मसीह के आत्मा में, एंडरू मूरे ने लिखा कि, ‘‘परमेश्वर का आत्मा जो पिन्तेकुस्त में उण्डेला गया था वह सच में कुछ नया था।’’ एंडरू मूरे के अनुसार, वह आत्मा जो यूहन्ना 7:39 में है, यह परमेश्वर का आत्मा, यहोवा का आत्मा, परमेश्वर की पवित्रता का आत्मा और पवित्र आत्मा से भी कुछ ज्यादा है। पवित्र आत्मा के साथ भी, परमेश्वर का आत्मा पूरी तरह से परिपूर्ण नहीं हुआ_ यानी कि, वह पूरी तरह से पूर्ण नहीं हआ। मसीह के महिमाकरण तक आत्मा परिपूर्ण नहीं हुआ था। लूका 24:26 के अनुसार, मसीह का महिमाकरण उसका पुनरुत्थान था। जब मसीह ने पुनरुत्थान में प्रवेश किया, वह महिमन्वित हुआ। उसके अंदर के दिव्य जीवन के साथ उसका दिव्य स्वभाव मुक्त हुआ था। मसीह का महिमाकरण एक फूल के खिलने की तरह था। जब एक फूल खिलता है, वह महिमान्वित होता है_ उसके जीवन और स्वभाव की सभी अंतर्वस्तु मुक्त और अभिव्यक्त हो जाती हैं। प्रभु यीशु की अंतर्वस्तु बस उसका पवित्र स्वभाव और पवित्र जीवन के साथ परमेश्वर है। उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान से पहले, यह अंतर्वस्तु मसीह की मानवता के छिलके में छिपी हुई थी। एक बार, उसकी साढ़े तीन साल की सेवकाई के दौरान, रुपांतरण के पर्वत पर, मसीह के तीन चेलों ने, अपनी आँखो के सामने उसके रुपांतरण अर्थात उसके बदले हुए रूप को देखा। अचानक उसका मुंह सूरज की तरह चमका और उसके वस्त्र प्रकाश की तरह सफेद हो गये (मत्ती-17:2)। यह उसका महिमाकरण था लेकिन यह केवल थोड़े समय के लिए था। जब उसने पुनरुत्थान में प्रवेश किया, उसके भीतर से परमेश्वर के जीवन और परमेश्वर के स्वभाव के साथ परमेश्वर को मुक्त करने के द्वारा वह पूरी तरह से महिमान्वित हुआ। उस समय तक वह आत्मा नहीं था। यह उस समय था कि आत्मा उत्पन्न हुआ। पहला कुरिन्थियों 15:45 कहता है कि ‘‘अंतिम आदम, (यानी कि मसीह), जीवन दायक आत्मा बना।’’ यह जीवन दायक आत्मा, वह आत्मा है, जो मसीह के पुनरुत्थान में और पुनरुत्थान के द्वारा उत्पन्न हुआ।

सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के द्वारा

त्रिएक परमेश्वर का

जीवन दायक आत्मा के रूप में

परिपूर्ण होना

सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के द्वारा-देहधारण, मानव जीवन, सर्व-सम्मिलित मृत्यु और सर्व-मुक्त करने वाला पुनरुत्थान-त्रिएक परमेश्वर अर्थात दिव्य त्रिएकता में परमेश्वर एक आत्मा के रूप में परिपूर्ण हुआ, यानी कि, जीवन दायक आत्मा में। यह जीवन दायक आत्मा परिपूर्ण त्रिएक परमेश्वर की सामग्रता है। यह नए नियम में स्पष्ट प्रकाशन है। पहला, परमेश्वर मनुष्य बना। यह मनुष्य यीशु मसीह था, जो शरीर में परमेश्वर-मनुष्य था। वह परमेश्वर था लेकिन एक दिन उसने मनुष्य को धारण किया। इस प्रकार, शरीर को अपने ऊपर लेने से वह दोनों, दिव्य और मानव बना। जब वह क्रूसीकृत हुआ, वह इस मनुष्य को अर्थात अपनी मानवता को क्रूस पर लाया और वहाँ मानवता को समाप्त करने के लिए मर गया। फिर अपनी मानवता को दिव्यता में लाने के लिए वह पुनरुत्थित हुआ। इस पुनरुत्थान के द्वारा उसकी मानवता दिव्य बनायी गयी (रो-1:4), और वह परमेश्वर के पहलौठे पुत्र के रूप में जन्मा (प्रे-13:33_ रो- 8:29)। ऐसा एक व्यक्ति, अपने पुनरुत्थान में और अपने पुनरुत्थान के साथ जीवन दायक आत्मा बना। यह आत्मा त्रिएक परमेश्वर की परिपूर्णता है।

परमेश्वर के गृह प्रबंध का

अनुप्रयोग

परिपूर्ण आत्मा के साथ होना

हमें परिपूर्ण आत्मा को गहराई से देखने की जरूरत है। इसी मुख्य बिंदु पर मैं संगति करना चाहता हूW—उत्पत्ति 1 परमेश्वर की आत्मा को संदर्भित करता है लेकिन यह परिपूर्ण आत्मा नहीं है_ यहोवा का आत्मा और पवित्र आत्मा भी परिपूर्ण आत्मा नहीं है। मसीह के पुनरुत्थान के बाद ही पिता, पुत्र और आत्मा का परिपूर्ण आत्मा प्रकाशित हुआ। यह आत्मा उत्पत्ति में परमेश्वर के आत्मा से, पुराने नियम में यहोवा के आत्मा से और मत्ती- 1 में पवित्र आत्मा से अलग है। यह आत्मा परिपूर्ण आत्मा है। परमेश्वर का गृह प्रबंध पूरा हो गया है और अब इसे लागू करने की जरूरत है। अनुप्रयोग परिपूर्ण आत्मा के साथ है-न केवल समस्त आत्मा लेकिन अंतिम रूप की परिपूर्ण आत्मा के साथ।

जीवन दायक आत्मा

परिपूर्ण हुआ आत्मा होना

आज मसीहत में बहुत कम लोगों ने इस बात को देखा है_ यहाँ तक कि, कुछ लोग 1 कुरिन्थियों 15:45 के कहने पर पूरी तरह से विश्वास नहीं करते, ‘‘अंतिम आदम जीवन दायक आत्मा बना।’’ हालांकि, यह बाइबल का एक वचन है जिस पर हमें विश्वास करना ही होगा। प्रभु का धन्यवाद है कि उसने स्पष्टता से इन बिंदुओं को, एक एक करके, इन सालों में हमारे बीच प्रकाशित किया है। आज, जीवन दायक आत्मा परिपूर्ण हुआ आत्मा है। इसलिए यूहन्ना 7:39 कहता है कि आत्मा अब तक नहीं था क्योंकि यीशु अब तक पुनरुत्थान में महिमान्वित नहीं हुआ था। जाहिर है कि, पवित्र आत्मा था और परमेश्वर का आत्मा भी उत्पत्ति 1 में था, तो यह कैसे हो सकता है कि वह आत्मा अब तक नहीं था? यह इसलिए है क्योंकि उस समय, नई सृष्टि के बिना केवल पुरानी सृष्टि थी क्योंकि मसीह का पुनरुत्थान नहीं हुआ। फिर मसीह के पुनरुत्थान में, नई सृष्टि की शुरूआत के समय, वह आत्मा अस्तित्व मे आया। वह जो मूल रूप से परमेश्वर का आत्मा था मसीह के पुनरुत्थान में वह आत्मा बन गया। यह 2 कुरिन्थियों 3:17 में संदर्भित किया गया हैः ‘‘प्रभु तो आत्मा है।’’ हमें 2 कुरिन्थियों 3 में जिस आत्मा को प्रकाशित किया गया है, वह विश्वासियों में रुपांतरण के कार्य को पूरा कर रहा है। हम रुपांतरित हो रहे हैं क्योंकि हमारे पास हमारे अंदर आत्मा के रूप में प्रभु है। इसीलिए, 2 कुरिन्थियों 3:18 कहता है कि प्रभु आत्मा से, हम प्रभु की तरह, उसी के स्वरूप में रुपांतरित हो रहे हैं।

आत्मा और दुल्हिन

कह रहे हैं, ‘‘आओ’’

आखिरकार, आत्मा न्यूमा मसीह की वास्तविकता और एहसास होने के लिए और मसीह की आने की घोषणा करने के लिए मेमने (मसीह) की दुल्हिन के साथ एक होने के लिए प्रक्रिया से गुजरा और परिपूर्ण त्रिएक परमेश्वर की परिपूर्णता होने के लिए, परिपूर्ण हुआ आत्मा के रूप में, वह आत्मा बनता है।

प्रकाश्तिवाक्य 22:17 कहता है, ‘‘आत्मा और दुल्हिन दोनों कहते हैं, ‘‘आ!’’ और सुननेवाला भी कहे, ‘‘आ!’’ जो प्यास हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।’’ इस आयत में, शीर्षक आत्मा इंगित करता है कि त्रिएक परमेश्वर का सब कुछ प्रक्रिया से गुजरा और परिपूर्ण हुआ है। अब आत्मा के रूप में वह त्रिएक परमेश्वर को हमारे अंदर लाता है ताकि वह हमारे साथ दुल्हिन के रूप में एक हो सके। यह परिपूर्ण आत्मा खुद को दुल्हिन के साथ जोड़ता है। इसलिए, प्रकाशितवाक्य के अंत में आत्मा और दुल्हिन दोनों एक साथ बोलकर कहते हैं, ‘‘आओ!’’

 

गीत 1113

1 परमेश्वर त्रिएक आया मुझमें रहने
एक अद्भुत आत्मा की तरह
हम मिश्रित है, प्रभु साथ एक हम है
जीवनदायक आत्मा की तरह

ओ वह है अद्भुत आत्मा एक मुझमें
वह तो अद्भुत आत्मा एक मुझमें
पिता पुत्र में है और पुत्र आत्मा अब
वह एक अद्भुत आत्मा है मुझमें

2 ‘‘अब्बा पिता’’ हम पूकारते अंदर से
हममें अद्भुत आत्मा के द्वारा
ये है आत्मा पुत्र की जो पुकारती
जीवनदायक आत्मा के रूप में

3 यीशु मसीह प्रभु अब मुझमें जीता है
एक अद्भुत आत्मा के रूप में
रूपांतरित हुआ, अब करते आनंद
जीवनदायक आत्मा के रूप में

4 अब आत्मा सत्य का रहता मेरे अंदर
एक अद्भुत आत्मा के रूप में
अब बातें मसीह की सब साफ हुइं
जीवनदायक आत्मा के द्वारा

5 हम सब वरदान को उत्तेजित करें
जो एक अद्भुत आत्मा है हममें
जब ‘‘प्रभु यीशु’’ पुकारे, तब उमड़ती
जीवनदायक आत्मा के साथ में!