चरवाही

श्रृंखला 5

सत्य को जानना

पाठ दो – सर्व-सम्मिलित मसीह

कुल- 2:6-7-इसलिए जैसे तुमने मसीह यीशु को प्रभु मान कर ग्रहण कर लिया है, वैसे ही उसमें चलते रहो, 7तथा दृढ़ता से जड़ पकड़ते और उसमें बढ़ते हुए_ जैसे तुम सिखाए गए थे वैसे ही अपने विश्वास में स्थिर होकर अत्यन्त धन्यवाद करते रहो।

मसीह सभी चीजों की वास्तविक्ता

पवित्रशास्त्र के अनुसार, सभी भौतिक चीजें, सभी दैहिक चीजें जिससे हम देखते, छूते और आनंद करते हैं, वह वास्तव चीजें नहीं हैं। वे केवल सत्य की एक छाया, एक चित्र है। दिन प्रतिदिन हम बहुत सी भौतिक वस्तुओं से संपर्क करते हैं; हम खाना खाते हैं, पानी पीते हैं, वस्त्र पहनते हैं_ हम घरों में रहते हैं और गाड़ी चलाते हैं। मैं यह माँग करता हूँ कि तुम यह एहसास करो और याद रखो कि यह सभी चीजें असली नहीं हैं। यह केवल छाया और चित्र हैं। जो भोजन हम हर दिन लेते है वह असली भोजन नहीं है, यह केवल सच का एक छाया हैं। जो पानी हम रोज़ पीते हैं वह असली पानी नहीं है। हमारी आँखों के सामने का प्रकाश असली प्रकाश नहीं है लेकिन एक चित्र है जो किसी और चीज का इशारा करता है।

फिर, वास्तविक चीजें क्या हैं? भाइयों और बहनों, मैं तुम्हें, परमेश्वर के अनुग्रह से सच बताता हूँ कि वास्तविक चीजें और कुछ नहीं बल्कि स्वयं मसीह है। मसीह हमारे लिए असली भोजन है। मसीह हमारे लिए असली पानी है। मसीह हमारे लिए असली प्रकाश है। मसीह हमारे लिए सभी चीजों की वास्तविकता है। यहाँ तक कि हमारा भौतिक जीवन भी असली जीवन नहीं है। यह केवल एक चित्र है जो मसीह की ओर इशारा करता है। मसीह हमारे लिए वास्तविक जीवन है। यदि तुम्हारे पास मसीह नहीं है तो तुम्हारे पास जीवन नहीं है। आप कहेंगे, ‘‘मैं जिंदा हूँ_ मेरे शरीर में जीवन है!’’ लेकिन तुम्हें यह एहसास होना चाहिए कि यह असली जीवन नहीं है। यह केवल एक छाया है जो असली जीवन की ओर इशारा करती है जो कि स्वयं मसीह है।

मसीह के

हमारे अनुभव की माप

कनान की अच्छी भूमि क्या है? यह कभी न भूलें कि यह भूमि सर्व-सम्मिलित मसीह है। न केवल मसीह लेकिन सर्व-सम्मिलित मसीह। यदि मैं तुम से पूछता हूँ कि क्या तुम्हारे पास मसीह है, तुम जवाब दोगे, ‘‘प्रभु की स्तुति हो, मेरे पास वह है_ मेरे पास मसीह है!’’ लेकिन मैं तुम से पूछूंगा कि तुम्हारे पास किस तरह का मसीह है। मुझे डर है कि तुम्हारे अनुभव में तुम्हारे पास केवल थोड़ा सा मसीह है, एक निर्धन मसीह, सर्व-सम्मिलित मसीह नहीं।

आइए मै तुम्हें एक कहानी बताता हूँ, एक असली कहानी। मेरे उद्धार के कुछ समय बाद मैं ने पवित्रशास्त्र का अध्ययन किया और मुझे सिखाया गया था कि फसह का मेमना मसीह का प्ररूप है। जब मैंने यह जाना, मैंने कैसे प्रभु की स्तुति की! मैंने कहा, ‘‘प्रभु, मैं तेरी स्तुति करता हूँ, तू आप मेमना है_ मेरे लिए तू मेमना है!’’ लेकिन मैं तुझ से कहूंगा कि मेमने की तुलना भूमि से कीजिए। छोटे से मेमने और महान भूमि के बीच किस तरह की तुलना की जा सकती है? मेमना क्या है? तुम्हें कहना होगा कि यह मसीह है। लेकिन मैं तुम्हें बताता हूँ कि यह छोटा मसीह है। यह अपने लोगों के लिए परमेश्वर का लक्ष्य नहीं था। परमेश्वर ने उनसे नहीं कहा, ‘‘ठीक है, जब तक तुम्हारे पास मेमना है, यह पर्याप्त है।’’ नहीं। परमेश्वर ने उन्हें वास्तव में बताया कि उसका उन्हें मेमने को देने का कारण उन्हें भूमि में लाना था।

क्या तुम्हारे पास मसीह है? हाँ, तुम्हारे पास मसीह है। लेकिन तुम्हारे पास किस प्रकार का मसीह है, एक मेमना या एक भूमि? मिस्र में, इस्राएल के सभी लोगों के पास फसह के दिन में मेमना था, लेकिन बड़े अफसोस से मैं कहता हूँ कि बहुत कम लोग थे जिन्होंने भूमि में प्रवेश किया। बहुत कम लोगों ने उस भूमि के खंड को अपनाया।

मेरे उद्धार के एक या दो साल बाद, मुझे सिखाया गया था कि जंगल में इस्त्रएल की सन्तानों ने जो मन्ना आनंद किया, वह भी मसीह का एक प्रकार है। मैं बहुत आनंदित था। मैंने कहा, ‘‘प्रभु, तू मेरा भोजन है_ मेरे लिए तू केवल मेमना ही नहीं लेकिन मेरे दैनिक मन्ना भी है।’’ लेकिन मैं तुमसे पूछता हूँ, क्या मन्ना परमेश्वर का उद्देश्य या लक्ष्य है? क्या परमेश्वर ने मिस्र से अपने लोगों को जंगल में मन्ना का आनंद लेने के लिए छुड़ाया? नहीं! भूमि उद्देश्य है_ भूमि लक्ष्य है। क्या तुम मसीह को भूमि के रूप मे आनंद करते हो? मुझे शक है, और मैं यह भी कहता हूँ कि तुम भी शक करते हो। तुम कह सकते हो कि तुम फसह के रूप में मेमने को और दैनिक मन्ना के रूप में प्रभु को आनंद करते हो, लेकिन बहुत कम वास्तव में यह कह सकते हैं कि वे भूमि के रूप में सर्व-सम्मिलित मसीह को आनंद करते हैं।

मसीह का भूमि होना,

मसीह का मिट्टी होना

और हमारा मसीह में

जड़ पकड़े हुए होना

कुलुसियों 2 में वचन हमें बताता है कि हम मसीह में जड़ पकड़े हुए हैं (आ-7)। अब मैं तुम्हें विचार करने के लिए कहता हूँ यदि हम मसीह में जड़ पकडे़ हुए हैं, तो हमारे लिए मसीह क्या है? हाँ, मसीह भूमि है_ मसीह मिट्टी है। एक पेड़ या पौधा मिटटी में, भूमि में जड़ पकड़ता है। इसी तरह, हम भी मसीह में जड़ पकड़े हैं। मुझे डर है कि तुमने कभी एहसास नहीं किया है कि मसीह तुम्हारे लिए वही मिट्टी, वही भूमि है। तुम एक छोटे से पौधे हो जो इस भूमि, स्वयं मसीह में जड़ पकड़े हुए हैं। मुझे अंगीकार करना होगा कि पाँच या छह साल पहले, मेरे पास ऐसी सोच नहीं थी। मैंने पवित्रशास्त्र पढ़ा और कुलुसियों की पुस्तक में बहुत समय बिताया। मैंने बार बार इसे पढ़ा लेकिन मैंने कभी भी इस प्रकाश को प्राप्त नहीं किया। मैं नहीं जानता था कि मसीह मिट्टी, मेरी वही भूमि है। केवल कुछ साल पहले मेरी आँखे खुल गई थीं।

मसीह का वह भूमि होना

जिसमें हम चल सकते हैं

मुझे गहरा एहसास है कि प्रभु की अधिकांश संतानें अभी भी मिस्र में ही हैं। उन्होंने केवल फसह को अनुभव किया है_ उन्होंने प्रभु को केवल मेमने के रूप में लिया है। वे मेमने के द्वारा बचाए गए हैं लेकिन वे इस संसार से छुड़ाए नहीं गए। हाँ, कुछ लोग मिस्र से बाहर आए हैं, कुछ लोग संसार से छुडा़ए गए हैं, लेकिन वे अभी भी जंगल में भटक रहे हैं। वे मसीह को थोड़ा और आनंद करते हैं_ वे उसे अपने दैनिक मन्ना के रूप में आनंद करते हैं। वे डींग मार सकते हैं कि वे मसीह को अपने भोजन के रूप में आनंद करते हैं और वे बहुत संतुष्ट हैं। लेकिन, भाइयों और बहनों, क्या यह पर्याप्त है? जब हम उनसे मिलते हैं जो मसीह को अपने दैनिक मन्ना के रूप में आनंद करते हैं, हम बहुत खुश हो जाते हैं। हम कहते हैं, ‘‘प्रभु की स्तुति हो, यहाँ कुछ भाई बहन हैं जो वास्तव में दिन प्रतिदिन प्रभु को अपने मन्ना के रूप में आनंद करते हैं!’’ लेकिन हमें यह एहसास करना चाहिए कि यह परमेश्वर के उद्देश्य से बहुत कम पड़ता है। परमेश्वर का उद्देश्य केवल यह नहीं है कि हम मसीह को थोड़ा सा आनंद करें बल्कि यह कि वह हमारे लिए सर्व-सम्मिलित जन हो। इस आयत को देखोः ‘‘अतः जैसे तुम ने मसीह यीशु को प्रभु करके ग्रहण कर लिया है, वैसे ही उसी में चलते रहो’’ (कुल- 2:6)। चलने के लिए वह हमारे लिए एक क्षेत्र, एक मण्डल है। वह केवल कुछ भोजन या पानी नहीं है, बल्कि एक मण्डल है, एक भूमि जिसके अंदर हम चल सकते हैं। हमें उस में चलना है। वह हमारी भूमि है, वह हमारा स्थल है, वह हमारा राज्य है। उस में चलें।

मसीह का सर्व-सम्मिलित प्ररूप

यह भूमि मसीह का एक पूर्ण प्ररूप, एक सर्व-सम्मिलित प्ररूप है। हम जानते हैं कि पुराने नियम में कई प्ररूप हैं। हम जानते हैं कि फसह का मेमना मसीह का प्ररूप है और हम जानते हैं कि मन्ना मसीह का प्ररूप है। तम्बू अपने सभी फर्नीचर, बर्तन और कई प्रकार की भेंटों के साथ भी मसीह का प्ररूप है। लेकिन मैं यह इशारा करना चाहता हूँ कि इस भूमि के खंड के बिना मसीह का सर्व-सम्मिलित प्ररूप नहीं है। फसह का मेमना सर्व-सम्मिलित प्ररूप नहीं है और मन्ना भी नहीं है और तम्बू और उसके साथ संबंधित सभी वस्तुए भी नहीं हैं। कई भिन्न प्रकार की भेंटें प्रभु द्वारा नियुक्त की गयी थीं लेकिन वे केवल प्रभु के कई पहलुओं को दर्शाती है। केवल कनान की भूमि पूर्ण प्ररूप, मसीह का सर्व-सम्मिलित प्ररूप है। हम सभी ने मसीह को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार किया है। यह काफी अदभुत है! लेकिन हमें एहसास करना चाहिए कि उद्धारकर्ता के रूप में मसीह सर्व-सम्मिलित जन नहीं है। हमें पवित्रशास्त्र में बताया गया है कि मसीह सब में सब कुछ है, कि मसीह सर्व-सम्मिलित जन है। सब कुछ उस में है और वह सब कुछ में है। पुराने नियम में कनान की भूमि के अलावा और कोई प्ररूप नहीं है जो उसको इस तरह से दिखाता है।

 

गीत 542

1 मेरे उद्धारक की समृद्धियां
कितनी अखोजनीय हैं
परमेश्वर की पूर्णता
अब मैं अनुभव करूँ

ओ समृद्धियां, ओ समृद्धियां,
मेरे लिए मसीह रखता!
कितनी अमापनीय हैं,
पर मेरी वास्तविकता!

2 मेरे उद्धारक की समृद्धियां
मेरा जीवन और ज्योति,
ज्ञान, शक्ति, चंगाई और विश्राम
परमेश्वर की संतुष्टि।

3 छुटकारा, संपूर्ण उद्धार
और पुनरूत्थान की शक्ति
पवित्रीकरण, महिमाकरण
हर समय श्रेष्ठ हैं।

4 मेरे उद्धारक की समृद्धियां
उससे कम कुछ नही है
उसका व्यक्ति और सब कुछ, अब
आत्मा का आनन्द बना।

5  मेरे उद्धारक की समृद्धियां
उसकी गहराई उँचाई को
कौन यह माप कर सकता है
ये मेरी खुशी और बल।

6 क्या मैं इस धन को जान सकू
मसीह का पूर्ण अनुभव
दूसरों से बांट मैं सकू
उसकी समृद्धियों को।