चरवाही

श्रृंखला 5

सत्य को जानना

पाठ एक – प्रक्रिया से गुजरा त्रिएक परमेश्वर

1 कुर- 15:45-और अन्तिम आदम जीवनदायक आत्मा (बना)।

मत्ती- 28:19-इसलिए जाओ और सब जातियों के लोगों को चेले बनाओ तथा उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।

परमेश्वर केवल एक है

कई उदाहरणों और कई तरीकों में पवित्रशास्त्र हमें बताती है कि परमेश्वर अद्वितीय रूप से केवल एक है। पुराने नियम और नए नियम, दोनो में, कई अंश हैं जो हमें स्पष्ट और निश्चित रूप से बताते हैं कि परमेश्वर केवल एक है। पहला कुरिन्थियों 8:4 कहता है, ‘‘एक को छोड़ कोई परमेश्वर नहीं’’ और यशायह 45:5 कहता है, ‘‘मैं यहोवा हूँ और दूसरा कोई नहीं, मुझे छोड़ कोई परमेश्वर नहीं।’’ यशायह 45:6, 21-22; 46:9 और 44:6, 8 में भी समान शब्द पाया जाता है।

परमेश्वर के तीन पहलू होना- पिता, पुत्र

और आत्मा

प्रभु मत्ती- 28:19 में कहता है, ‘‘उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।’’ यहाँ प्रभु स्पष्ट रूप से तीन के बारे में बात करता है-पिता, पुत्र और आत्मा। लेकिन यहाँ, जब वह पिता, पुत्र और आत्मा के नाम के बारे में बताता है, मूल लेख में नाम के लिए उपयोग किया गया शब्द एकवचन संख्या में है। इसका अर्थ यह है कि हालांकि पिता, पुत्र और आत्मा तीन हैं, फिर भी, नाम एक है।

पिता, पुत्र और आत्मा

अनंत काल से अनंत काल तक एक साथ सह अस्तित्व में रहते हैं

पिता, पुत्र और आत्मा

सभी का अनंत होना

यशायह 9:6_ इब्रानियों 1:12 और 9:14 में हम देख सकते हैं कि पिता, पुत्र और आत्मा सभी अनंत हैं।

पिता, पुत्र और आत्मा

एक साथ सह अस्तित्व में हैं

यूहन्ना 14:16-17 कहता है, ‘‘मैं पिता से विनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे, अर्थात सत्य का आत्मा।’’ इन दो आयतों में पुत्र कहता है कि वह पिता से विनती करेगा कि पिता आत्मा को भेज सके। इसलिए पिता, पुत्र और आत्मा एक साथ, एक ही समय में अस्तित्व में हैं।

पिता, पुत्र और आत्मा का

परस्पर निवास करना

और अविभाज्य होना

यूहन्ना 14:10 कहता है, ‘‘मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में हैं।’’ यह इंगित करता है कि पिता बाहरी रूप में पुत्र के साथ नहीं आया_ बल्कि वह पुत्र में आता है। इसके अलावा, यूहन्ना 8:29 कहता है ‘‘मेरे भेजनेवाला मेरे साथ है, उसने मुझे अकेला नहीं छोड़ा।’’ लूका 4:1 भी कहता है, ‘‘यीशु पवित्र आत्मा से भरा हुआ।’’ ये आयतें साबित करती हैं कि जब पुत्र पृथ्वी पर जी रहा था, दोनों, पिता और आत्मा उसके साथ थे_ वे तीन अभिन्न थे।

तीन-पिता, पुत्र

और आत्मा-एक होना

पुत्र पिता है

यशायाह 9:6 कहता है, ‘‘क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया—और उसका नाम—पराक्रमी परमेश्वर, अनंतकाल का पिता—रखा जाएगा।’’ हाँ वह एक बालक है तौभी वह पराक्रमी परमेश्वर है। पुत्र अनंतकाल का पिता है।

पुत्र (अंतिम आदम) का

जीवन दायक आत्मा

बनना

पहला कुरिन्थियों 15:45 कहता है, ‘‘और अंतिम आदम जीवन दायक आत्मा बना।’’ अंतिम आदम, बेशक, देहधारित प्रभु यीशु है और जीवन दायक आत्मा, बेशक, पवित्र आत्मा है। पवित्र आत्मा के अलावा कोई अन्य जीवन दायक आत्मा नहीं हो सकती है। इसलिए, यह आयत भी हमे स्पष्ट रूप से कहती कि प्रभु यीशु पवित्र आत्मा है।

प्रभु (पुत्र)

आत्मा है

दूसरा कुरिन्थियों 3:17 कहता है, ‘‘प्रभु तो आत्मा है।’’ यहाँ बताया गया ‘‘प्रभु’’ बेशक प्रभु यीशु है और आत्मा बेशक पवित्र आत्मा है। हमारा प्रभु आत्मा है। वह पिता है और वह आत्मा भी है। वह सब कुछ है।

जीवन दायक आत्मा बनने में

त्रिएक परमेश्वर के कदम

प्रक्रिया से गुजर के जीवन दायक आत्मा बनने के लिए त्रिएक परमेश्वर ने कई महत्वपूर्ण कदम लिये। पहला, वह देहधारित हुआ। परमेश्वर के रूप में, उसने मानवीय कुवांरी की गर्भ में प्रवेश किया और नौ महिनों के लिए उस गर्भ में रहा। इस प्रकार उसने मानवता को अपने आश्रय अर्थात अपने निवास स्थान के रूप में लिया। उसका देहधारण जरूर एक प्रक्रिया थी। दूसरा, वह इस पृथ्वी पर रहा और चला, साढ़े तैंतीस साल के लिए मानवीय जीवन की  लंबी सुरंग से गुजरा। यह भी एक प्रक्रिया थी। तीसरा, उसने मृत्यु में प्रवेश किया और मृत्यु से गुजरा जिसमें कब्र और अधोलोक भी शामिल हैं। चौथा, तीन दिन के बाद, वह मृत्यु और अधोलोक से बाहर निकला और पुनरुत्थान में प्रवेश किया। उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान भी एक प्रक्रिया थी। अपनी मृत्यु और पुनरुत्थान के बाद, वह अपने चेलो को मिलने के लिए आया (यूहन्ना 20:19_ लूका 24:36)।

प्रभु के पुनरुत्थान के बाद, उसने चेलों के साथ चालीस दिन बिताये (प्रे-1:3) जिसके दौरान उसने अपनी उपस्थिति को उनके लिए दृश्य और अदृश्य दोनों किया। फिर उसने उनकी यरूशलेम तक अगुवाई की और फिर जैतून के पर्वत से तीसरे स्वर्ग में वह आरोहित हुआ (प्रे- 1:12, 9)। अपने स्वर्गारोहण के द्वारा, प्रभु ने अपनी प्रक्रिया को पूरा किया। उसका स्वर्गारोहण त्रिएक परमेश्वर की परिपूर्णता का आखिरी कदम था। तीनों-पिता, पुत्र और आत्मा- प्रभु के स्वर्गारोहण में पूरी तरह से परिपूर्ण हुए।

परिपूर्ति इंगित करता है कि

एक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है

परिपूर्ती शब्द इंगित करता है कि एक कार्य या प्रक्रिया पूरी हुई

है या समाप्त हुई है। इसका खाना बनाने के द्वारा उदाहरण दिया जा सकता है। खाना बनाने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले, किराने का सामान सब कच्चा है। पकाने के बाद, किराने का सामान एक दावत में परिपूर्ण हो जाता है। अपने देहधारण से पहले, परमेश्वर ‘‘कच्चा’’ था क्योंकि उसके पास दिव्य स्वभाव था लेकिन मानवीय स्वभाव नहीं था। देहधारण, मानवीय जीवन, क्रूसीकरण, पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण के द्वारा परमेश्वर प्रक्रिया से गुजरा और परिपूर्ण हुआ। अब वह ‘‘कच्चा’’ परमेश्वर नहीं रहा_ वह दिव्यता, मानवता, मानव जीवन, सर्व-सम्मिलित मृत्यु, शक्तिशाली पुनरुत्थान और अतिश्रेष्ठ स्वर्गारोहण के साथ पूर्ण और परिपूर्ण त्रिएक परमेश्वर है। यह सब प्रक्रिया से गुजरे और परिपूर्ण त्रिएक परमेश्वर में तत्व या भाग है।

सम्मिश्रित आत्मा

परिपूर्ण त्रिएक परमेश्वर है

देहधारण, क्रूसीकरण और पुनरुत्थान के कदम के द्वारा, त्रिएक परमेश्वर सम्मिश्रित, सर्व-सम्मिलित अंतर निवासी आत्मा होने के लिए परिपूर्ण हुआ है (निर्ग- 30:25)। यह आत्मा प्रक्रिया से गुजरा और परिपूर्ण त्रिएक परमेश्वर है। निर्गमन 30 में, एक लेप तैयार किया गया था और इस लेप को सम्मिश्रित लेप कहा गया था क्योंकि यह चार प्रकार के द्रव्य के साथ तेल के एक सम्मिश्रण से बनाया गया था (आ- 22-25)। यह सम्मिश्रित लेप सम्मिश्रित आत्मा का एक प्रतीक है जो मानवता, मसीह की सर्व-सम्मिलित मृत्यु, मसीह का सर्व-शक्तिशाली पुनरुत्थान और मसीह के अतिश्रेष्ठ स्वर्गारोहण के साथ त्रिएक परमेश्वर में सम्मिश्रित है। यह सम्मिश्रित आत्मा परिपूर्ण त्रिएक परमेश्वर है।

 

गीत 608

1 क्या ही रहस्य पिता, पुत्र और आत्मा
तत्व में तीन हैं सार में सब एक हैं
पुत्र में आत्मा के द्वारा हमारा
सब बनने के लिए प्रवेश किया।

त्रिएक परमेश्वर हमारा सब है
कितना ही अद्भुत! महिमामय
यह दिव्य उपहार थका न सकता
कितना ही श्रेष्ठ आश्चर्य है।

2 पिता सोते के रूप में समृद्ध स्रोत है।
सब धन वह चाहता हम आनन्द करें
ओह सच्चाई! यह विशाल भाग हमको अब
हमेंशा लागू करने के लिए।

3  पुत्र परमेश्वर का प्रकटीकरण है
शरीर में आया मानव साथ रहने
छुटकारा है कितना ही प्रभावशाली
खुदा के साथ पापी एकता पाये।

4  आत्मा पुत्र की देह परिवर्तन है
हम में आया जीवन पूर्ति के रूप,
अद्भुत सच्चाई आत्मा के साथ अब हम
मिश्रित और एकता में जुड़ती है।

5 कितना वास्तविक, परमेश्वर अब आत्मा है।
प्रति दिन उसको छूने के लिए
अद्भुत सच्चाई उसके साथ हम एक हैं।
किसी भी तरह अलग नहीं हैं।