चरवाही

श्रृंखला 5

सत्य को जानना

पाठ ग्यारह – पुराने नियम की पुस्तक के विषय

भज- 12:6-परमेश्वर का वचन पवित्र है, उस चाँदी के समान है जो भट्टी मे मिट्टी पर ताई गई, और सात बार निर्मल की गई हो।

भज- 119:140- तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिए तेरा दास उस से प्रीति रखता है।

उत्पत्तिः परमेश्वर ने रचा, शैतान ने भ्रष्ट किया, मनुष्य का पतन हुआ, और यहोवा ने बचाने का वादा किया।

निर्गमनः मसीह परमेश्वर के लोगों के लिए छुटकारा, उद्धार, और आपूर्ति है और उनके लिए परमेश्वर की आराधना और सेवा करने का माध्यम है ताकि उसमें वह एक साथ मिलकर अपने और परमेश्वर के लिए मिलने, संपर्क रखने और पारस्परिक रूप से निवास करने के लिए साथ निर्मित हो सके।

लैव्यव्यवस्थाः परमेश्वर के छुड़ाए हुआ की सहभागिता, सेवा और जीवन में मसीह सबकुछ है।

गिनतीः मसीह जीवन का अर्थ, गवाही, परेमश्वर के लोगों का केंद्र, और उनकी यात्रा और लड़ाई का अगुवा, मार्ग और लक्ष्य है।

व्यवस्थाविवरणः मसीह परमेश्वर के लोगों का शिक्षक और अगुवा है कि वे स्वर्गीय क्षेत्र में प्रवेश करने और उनकी समृद्धि में भाग लेने में सक्षम हो सके।

यहोशूः परमेश्वर के गृह प्रबंध को पूरा करने के लिए, इस्राएलियों का अच्छी भूमि पर कब्जा और अधिकार।

न्यायियों  इस्राएंल ने परमेश्वर को त्याग देना, अपने शत्रुओं द्वारा हार का सामना करना और सड़ा हुआ हो जाना।

रूतः गैरयहूदीय पापियों का, परमेश्वर का चुने हुए, इस्राएलियों के साथ, मसीह के छुटकारे के माध्यम से उसके साथ उनकी एकता में दिव्य उत्त्राधिकार में लाये जाने का एक पूरा आदिरूप।

1-2 शमूएलः परमेश्वर द्वारा दी गयी अच्छी भूमि को आंनद करने के तरीके का उदाहरण।

1-2 राजाओं राजाओं द्वारा पृथ्वी पर दिव्य राजत्व के विनाश और क्षय किए जाने, और परमेश्वर के न्यायपूर्ण व्यवहार के दुःखद परिणाम के साथ परमेश्वर के गृह प्रबंध में परमेश्वर का शासकीय निपटारा।

1-2 इतिहासः यहूदा के राजाओं के साथ परमेश्वर के निपटारे के कुछ महत्वपूर्ण विवरणों की एक प्रस्तुति के साथ, आदम से शमूएल तक उनकी कैद से इस्राएल की वापसी तक, मानव के इतिहास में परमेश्वर के चलन का एक पूरा घटनाक्रम।

एज्राः इस्राएल की संतान का उनकी कैद से वापसी और परमेश्वर के गृह प्रबंध के अनुसार पृथ्वी पर उसकी गवाही के लिए उसके चुने हुओं के बीच परमेश्वर की पुनःप्राप्ति के रूप में परमेश्वर के भवन का पुनर्निर्माण।

नहेम्याहः उसके चुनों हुओं के बीच उसकी गवाही के लिए उसके गृह प्रबंध की पूर्ति के लिए एक निरंतर पुनःप्राप्ति के रूप में यरूशलेम शहर की दीवार का पुनर्निर्माण।

एस्तेरः जो परमेश्वर ने इस्राएल को अपने चुने हुओं के रूप में चुना, अन्य जातियों के राष्ट्रों के बीच उनके कैद के दौरान, गुप्त रूप से उनकी देखभाल करने के लिए और उन्हें खुले तौर पर लेकिन रहस्य में बचाने के लिए, उनके लिए छिपे हुए परमेश्वर बनना।

अययूबः अपने पवित्र जन के साथ परमेश्वर के निपटने का उद्देश्य।

भजन संहिताः भक्त जनों का अपनी स्तुति, प्रार्थना, और उल्लास के साथ गायन के द्वारा परमेश्वर को खोजने और सपंर्क करने में उनके भाव, भावना, विचार और अनुभवों का प्रकटन।

नीतिवचनः ज्ञान के वचन जो लोगों को सिखाते है कि अपने मानवीय जीवन में कैसे व्यवहार करें और अपने चरित्र को कैसे बनाये।

सभोपदेशकः सुलैमान की शिक्षा जो दिखाती है कि भ्रष्ट संसार में मानवीय जीवन व्यर्थ है, जो हवा का पीछा करता है।

श्रेष्ठगीतः एक उत्कृष्ट विवाह में प्रेम का इतिहास, जो मसीह के साथ एक व्यक्तिगत विश्वासी की प्रेमपूर्ण सहभागिता के प्रगतिशील अनुभव का खुलासा करता है।

यशायाहः देहधारित, क्रूसीकृत, पुनुरूत्थित, आरोहित, और आने वाले मसीह के माध्यम से यहोवा का उद्धार।

यिर्मयाहः इस्राएल और राष्ट्रों के साथ परमेश्वर के निपटारे में, केंद्र और परिधि के रूप में परमेश्वर के चुनों हुओं के लिए मसीह का यहोवा की धार्मिकता होना।

विलापगीतः पवित्र शहर और परमेश्वर के पवित्र लोगों पर यिर्मयाह के दुःख और प्रेम की अभिव्यक्ति।

यहेजकेलः परमेश्वर का महिमा में मनुष्य पर प्रकट होना, अपने लोगों और राष्ट्रों पर उसका न्याय, और अपना एक पारस्परिक निवास और पूर्ण अभिव्क्ति के लिए एक निवास स्थान का निर्माण के लिए अपने चुनें हुए लोगों की पुनःप्राप्ति।

दानियेलः परमेश्वर द्वारा नियुक्त की गयी इस्रालियों की मंजिल-सात सप्ताह की साम्रगी।

होशेः व्यभिचारी और धर्मत्यागी इस्रालियों को वापस प्राप्त करने में और पुनस्थापति करने में उद्धार के रूप में यहोवा।

योएलः चार चरण में इस्राएल पर मानवीय सरकार का विनाश और विध्वंसक पर मसीह का संहार और पुनस्थापन में इस्रालियों के बीच उसका राज्य करना।

आमोसः पुनस्थापन के मुद्दे के साथ, इस्राएल और आसपास के राष्ट्रों पर यहोवा का न्याय।

ओबद्याहः एसाव के साथ यहोवा का निपटारा और यहोवा के राज्य के लिए याकूब की विजय।

योनाः यहोवा का उद्धार यहां तक कि गैर यहूदीय शहर नीनवे तक पहुंचना।

मीकाः इस्राएल पर यहोवा की फटकार और इस्राएल का पुनस्थापन।

नहूमः अश्शूर की राजधानी के रूप में नीनवे पर यहोवा का न्याय।

हबक्कूकः परमेश्वर का धार्मिक न्याय, पहले कसदियों के द्वारा इस्राएल पर और फिर राष्ट्रों द्वारा कसदियों पर।

सपन्याहः इस्राएलियों और राष्ट्रों पर यहोवा का न्याय और अन्यजातियों और इस्राएल के प्रति उसका उद्धार।

हाग्गैः यहोवा का अपने भवन के निर्माण के लिए वापस लौटे कैदियों से व्यवहार करना।

जकर्याहः मसीह के छुटकारे के माध्यम से अपने अनुशासित चुने हुए लोगो के लिए यहोवा का हार्दिक आश्वासन और वादा, जो अपनी दीनता में उनकी कैद में पीड़ा में उनका साथी बना।

मलाकीः लेवी के पुत्रें (इस्राएल के बीच याजक) के साथ और याकूब के पुत्रें (इस्राएल के लोग) के साथ यहोवा का व्यवहार।

 

LORD, THE ANCIENT TYPES AND SYMBOLS

Praise of the Lord— His All-Inclusiveness – 196

1. Lord, the ancient types and symbols
As our all Thyself portrayed;
As was shadowed in those figures,
Real to us Thou now art made.
Contemplating such a picture,
As we on its wonders gaze,
How we marvel at Thy riches
And our song of worship raise.

2. Lord, Thou art our true Passover,
God passed over us thru Thee;
By Thyself and Thy redemption
We with God have harmony.
Thou, the Lamb of God, redeemedst us
With Thyself and with Thy blood;
We apply Thy blood, our ransom,
Eating Thee, our real food.

3. Lord, Thou art the Bread from heaven,
The unleavened Bread of life;
Eating Thee, with Thee we mingle,
Ceasing from our sin and strife.
Lamb and Bread are both Thy figures,
Showing Thou art life to us;
Feasting on Thee at Thy table,
We enjoy Thy riches thus.

4. Lord, Thou art the Heav’nly Manna,
As our daily food supply;
Strengthening and energizing,
All our need to satisfy.
Living Rock Thou also art, Lord,
Cleft for us with life to flow;
Drinking of this living water,
Thirst is quenched, Thy life we know.

5. Lord, Thou art the Land of Canaan-
Elevated, rich and good,
Flowing with both milk and honey
In a glorious plenitude.
By Thy surplus God we worship,
In Thy fellowship we move;
Thus in love we’re joined together
And God’s building we will prove.