चरवाही

श्रृंखला 5

सत्य को जानना

पाठ नौ – मसीह का फिर से आना

मत्ती- 24:21- क्योंकि उस समय ऐसा भारी क्लेश होगा जैसा जगत के आरंभ से न अब तक हुआ और न कभी होगा।

परमेश्वर द्वारा

सत्तर सप्ताहों को विभाजित किया जाना

आज हम जिस युग में हैं वह अनुग्रह का युग है। यह युग मसीह के प्रथम आगमन से शुरू हुआ, और यह मसीह के दूसरे आगमन के साथ समाप्त होगा। जब मसीह वापस आएंगे, वह इस युग को समाप्त करेंगे और राज्य का युग लाएंगे। इस युग की समाप्ति, परिपूर्ति लगभग सात साल होगी। इसलिए, यदि हमें मसीह के वापस आने को समझना चाहते हैं, तो हमें वर्तमान युग के आखिरी सात सालों के विषय में स्पष्ट समझ होनी चाहिए। ये सात साल दानियेल 9:24-27 में अभिलिखित हैं। (इन आयतों में, प्रत्येक सप्ताह सात साल को सूचित करता है)

बाइबल स्पष्ट रूप से प्रकट करती है कि आखिरी सप्ताह के शुरूआत से, मसीह विरोधी इस्राएलियों के साथ सात साल के लिए दृढ़ वाचा बांधेगा_ सात सालों के बीच में वह वाचा तोड़ देगा, परमेश्वर के लिए इस्राएल के बलिदान और सर्मपण को समाप्त करेगा, और जो परमेश्वर का भय मानते हैं उन्हें सताएगा (दान-9:27_ प्रक- 12:14-17)। वह परमेश्वर की जगह लेने के लिए मंदिर में उजाड़ने वाली मूर्ति की स्थापना करेगा और मसीह के पृथ्वी पर आने तक तवाही का कारण बनने के लिए (मत्ती- 24:15) महाक्लेश को लाएगा। फिर मसीह, अपने मुंह की श्वास से मसीह विरोधी को नाश करेगा और अपने आगमन के प्रकटीकरण से मसीह विरोधी को शून्य करेगा। (2 थिस- 2:8; प्रक- 19:19-20)

मसीह के दूसरे आगमन से

संबंधित चिन्ह

मसीह विरोधी का प्रकटन

मत्ती- 24:15 में प्रभु यीशु ने कहाः इसलिए जब तुम उस उजाड़ने वाली घृणित वस्तु को जिसकी चर्चा दानियेल भविष्यवक्ता के द्वारा हुयी थी, पवित्रस्थान में खड़ी हुयी देखो (जो पढ़े वह समझे)। यह निश्चित रूप से इस युग के आखिरी साढे़ तीन साल में पूरा होगा, महाक्लेश के समय, आखिरी सप्ताह के दूसरे भाग में। उस समय परमेश्वर के मंदिर में एक मूर्ति के रूप में मसीह विरोधी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

प्रकाशितवाक्य 13:1 एक जंतु को दिखाता है, जो मसीह विरोधी को सूचित करता है, और जो भूमध्यसागर  से बाहर आएगा। इस जंतु के सात सिर और दस सींग हैं। प्रकाशितवाक्य 17: 8-11 हमें इस जंतु का मूल बताता है। पशु के सात सिर रोमन साम्राज्य के सात बादशाह हैं। ऐतिहासिक अभिेलख के अनुसार, रोमन साम्राज्य में कुल बारह बादशाह हैं, लेकिन उनमें से केवल छः का ही प्रकाशितवाक्य में उल्लेख किया गया है, क्योंकि ये सभी छः पतित थे (आ-10); अर्थात् उन सभी की अस्वाभाविक मृत्यु हुई थी उन्होंने या तो आत्महत्या की या उनका कत्ल किया गया था, उनका सिंहासन हड़पने के बाद। मसीह विरोधी, सातवां बादशाह, भूमध्यसागर के चारों ओर के गैर-यहूदी राष्ट्र में से आएगा। उसके पास दस राजाओं का समर्थन होगा, और वे एक महान साम्राज्य बनाने के लिए एकजुट हो जाएंगे, जो पुनः रूपीकृत रोमन साम्राज्य होगा।

इस्राएल का पुनस्थापन

मत्ती- 21:19 में, यरूशलेम के अपने अंतिम दौरे के दौरान, प्रभु यीशु ने एक अंजीर के पेड़ को श्राप दिया क्योंकि उसने उस पर कोई फल नहीं पाया। अंजीर का पेड़ इस्राएल देश का चिन्ह है (जक- 24:2,5,8)। क्योंकि इस्राएल हठीला और विद्रोही था और उसके पास कोई फल नहीं था जो परमेश्वर को संतुष्ट कर सके, उसे परमेश्वर के द्वारा अस्वीकार किया गया। 70 ई-वी में, तीतुस, रोमन राजकुमार, यरूशलेम और मंदिर को नष्ट करने के लिए अपने साथ एक महान सेना लेकर आया, जैसे कि प्रभु ने भविष्यवाणी की थी, जब उसने कहा था, ;हां एक पत्थर के ऊपर दूसरा पत्थर भी न रहेगा जो ढाया न जाएगा।य् (मत्ती- 24:2)। उस समय से, इस्राएल की संतान राष्ट्रों में फैली हुयी थी। न केवल उनके राष्ट्र का पतन हुआ, बल्कि उनकी मातृ भूमि भी खो गयी थी। मानवीय रूप से बोलते हुए, इस्राएल के राष्ट्र के लिए वास्तव में पुनर्गठन के लिए कोई आशा नहीं रह गयी थी। हालांकि, बाइबल में एक ऐसी भविष्यवाणी है जिसमें कहा गया है कि एक दिन शापित और सूख गया, अंजीर का पेड़ कोमल होगा और पत्तियां निकलने लगेंगी। (यह पूरा हो चुका है।)

मंदिर का पुनःनिर्माण

मंदिर के पुनःनिर्माण के विषय में, हमें पहले आखिरी सप्ताह के दो हिस्सों को देखने की जरूरत है। पहले साढ़े तीन साल में, मसीह विरोधी इस्राएल की संतानों का समर्थन करेगा, उन्हें आजादी से परमेश्वर की आराधना करने की अनुमति देगा; दूसरे साढ़े तीन सालों में, मसीह विरोधी बलिदान और सर्मपण को रोकने का कारण बनेगा (दान- 9:27) और उन्हें खुद की एक मूर्ति के साथ बदल देगा। मत्ती- 24:15 में, पवित्र स्थान जिसमें मसीह विरोधी की प्रतिमा खड़ी होगी मंदिर के भीतर पवित्र स्थान को संदर्भित करती है (भज- 68:35_ यहजे- 7:24_ 21:2) और घृणित वस्तु एक मूर्ति के रूप में मसीह विरोधी की मूर्ति को दर्शाती है। दूसरे शब्दों में, मूर्ति मंदिर में साढे तीन साल तक रहेगी जब तक मसीह अपने आगमन के प्रकटीकरण से मसीह विरोधी को नाश नहीं करता। इसलिए, पहला मंदिर का पुननिर्माण करना होगा, तब इस्राएल की संतान परमेश्वर की आराधना करने और उन्हें बलिदान चढ़ाने में सक्षम होंगे, और मसीह विरोधी अपनी प्रतिमा को स्थापित करने में सक्षम होगा।

70 ईस्वी से, जब तीतुस ने मंदिर को नष्ट किया, मंदिर का पुननिर्माण कभी नही हुआ। इस्राएल ने यरूशलेम को पुनःप्राप्त कर लिया है औैर सक्रिय रूप से मंदिर के पुननिर्माण के लिए तैयारी कर रहे हैं। बाइबल में जो कुछ उल्लिखित है, उसके अनुसार सभी सामग्री जो मंदिर के पुननिर्माण के लिए आवश्यक है और सभी बर्तन जो बलिदान के लिए आवश्यक हैं तैयार किये गये हैं। अब वे उपयुक्त समय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और मंदिर का पुननिर्माण पूरा हो जाएगा।

महाक्लेश

आखरी सप्ताह का दूसरा भाग, इस युग के आखिरी साढे़ तीन साल, बड़ी क्लेश की अवधि है, जैसे कि जगत के आरम्भ से न अब तक हुआ और न कभी होगा (मत्ती- 24:21)। यह अवधि सात मुहरों (प्रक -6:12-17) के छठे मुहर में अलौकिक आपदाओं से शुरू होगी और सात कटोरों (प्रक -16:1-21) के सातवें कटोरे में समाप्त होगी। यह क्लेश का समय होगा, वह घड़ी जो संसार पर आने वाली है कि पृथ्वी के निवासी परखे जाएं (प्रक -3:10)। यह महाक्लेश तीन तरफ से होगा परमेश्वर से, मसीह विरोधी से, और शैतान से सम्पूर्ण पृथ्वी पर रहने वाले सब लोगों पर आ पडे़गा (लूका- 35)।

संतों का उठाया जाना

महाक्लेश से पहले, जयवंत उठा लिये जाएंगे, जिनमें से अधिकांश विश्वासी, जो अभी तक परिपक्व नहीं हैं, महाक्लेश से गुजरने के लिए पृथ्वी पर रहेंगे। मत्ती- 24:40-41 कहता है, उस समय दो मनुष्य खेत में होंगे; एक ले लिया जाएगा और दूसरा छोड़ दिया जाएगा। दो स्त्रियां चक्की पीसती होंगी; एक ले ली जाएगी और दूसरी छोड़ दी जाएगी।’’ यह इशारा करता है कि जब संसारिक लोग आने वाले न्याय की चेतना के बिना भौतिक चीजों में संभ्रमित होंगे, कुछ शांत और सतर्क विश्वासी उठा लिये जाएंगे। संभ्रमित और अचेतन लोगों के लिए, यह मसीह के आगमन का एक चिन्ह होगा। इसलिए, हमें सावधान रहना चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि हमारे हृदय दुराचार, पियक्कड़पन और जीवन की चिन्ताओं के भार से दब जाएं (लूका- 21:34), और हम उठाये जाने से चूक जायें और लूत की पत्नी की तरह बन जायें।

 

MY KING WILL SOON COME BACK AGAIN

Hope of Glory— Longing and Praying – 960

1. My King will soon come back again,
The sky be filled with Him;
The universe to be redeemed
Will see His light therein.
The Lord will soon fulfill His plan,
His footsteps now I hear;
His glorious frame I faintly see
Beginning to appear.

2. I’m longing for His presence blest
And dare not slothful be
While waiting for my Lord’s return,
His own dear self to see.
My only hope-that He may come
And change my faith to sight;
There is no other joy on earth
Which gives my heart delight.

3. My heart is always with Himself,
My eyes are heavenward,
My lips would utter nothing else
Than meeting with my Lord.
The coming of the Lord draws nigh,
His coming is for me;
His promise ever standeth firm
And soon fulfilled I’ll see.

4. My Savior, all Thy holy words
Can never doubted be;
With them encouraged day by day,
I’m faithful unto Thee.
Oh, may Thy glory soon appear,
The foe be overthrown;
Thy promises be realized,
And we brought to Thy throne.

5. Thy saving arm a refuge is,
My Savior God, to me;
Thou as the father keepeth them;
Who put their trust in Thee.
The sheep and shepherd are of one,
The head and body same;
None e’er can pluck from out Thy hand
The child who trusts Thy Name.

6. A thousand hands won’t hinder me,
Nor will ten thousand eyes;
The thorns upon the road but help
Me onward to the prize.
Arise, my spirit and my heart,
And let the world go by;
The Lord of life will take me soon
To be with Him on high.

7. Thou healing sun! Thou hope of man!
I really love Thy ray.
Oh, righteous Lord! Oh, glorious King!
I bow to Thee and pray:
Oh, may Thou soon ascend Thy throne
And quickly show Thy face;
Thy heav’nly kingdom may Thou found
And grant all men Thy grace.

8. The truth should triumph and be king,
And freedom should be queen;
But falsehood, which has rampant run,
Head of the world is seen.
We ask Thee, Truth, to quickly come
And bring Thy light from heav’n;
The foe be crushed and all Thy sons
Into Thy bosom giv’n.