चरवाही

श्रृंखला 2

उद्धार पाने के बाद

पाठ पंद्रह – परमेश्वर का न्यायिक छुटकारा

रो- 3:23, 25-इसलिए कि सबने पाप किया और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं, वे उसके अनुग्रह ही से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत-मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं। उसी को परमेश्वर ने उसके लहू में विश्वास के द्वारा प्रयश्चित ठहराकर खुल्लमखुल्ला प्रदर्शित किया। यह उसकी धार्मिकता को प्रदर्शित करने के लिए हुआ, क्योंकि परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता में, पहले किए गए पापों को भुला दिया।

परमेश्वर का सम्पूर्ण उद्धार

परमेश्वर के सम्पूर्ण उद्धार के दो पहलू हैं: न्यायिक पहलू और जैविक पहलू। न्यायिक पहलू मसीह के छुटकारे के द्वारा परमेश्वर के उद्धार की प्रक्रिया है जिससे परमेश्वर का उद्धार उसकी व्यवस्था की सभी धर्मी आवश्यकता को पूरा करता है। जैविक पहलू, विश्वासियों के लिए परमेश्वर के जीवन में रूपांतरित होने, बढ़ने और परिपक्व होने के लिए मसीह के जीवन के द्वारा परमेश्वर के उद्धार की पूर्ति है।

अनन्तकाल में परमेश्वर के पास एक भला अभिप्राय था, उसके हृदय की इच्छा, मनुष्य के साथ एक होना, यहां तक कि अपनी प्रजाति होने के लिए मनुष्य को अपने समान बनाना–हालांकि, परमेश्वर-रचित मनुष्य ने पाप किया और शैतान का अनुसरण करने के कारण पतित हुआ_ इस प्रकार, मनुष्य ने परमेश्वर की धार्मिकता का अनादर किया—पूरे पवित्र शास्त्रों के अनुसार, परमेश्वर की धार्मिकता परमेश्वर के कार्यों को करने का सिद्धांत है। जो भी परमेश्वर करता है, वह धर्मी है, और उनकी धार्मिकता उसके सिंहासन की नींव के रूप में सबसे सख्त है (भज- 89:14)। इसलिए, यहाँ हम दो चीज देखते हैं: परमेश्वर का प्रेम और परमेश्वर की धार्मिकता। जो भी परमेश्वर मनुष्य के लिए करना चाहता है, वह उनकी धार्मिकता की मांग को पूरा करना चाहिए। अपने जीवन के अनुसार, परमेश्वर जो भी मनुष्य के लिए जैविक रूप से करना चाहता है यह माँग करता है कि परमेश्वर अपनी धार्मिक आवश्यकता के अनुसार पतित पापियों को न्यायिक रूप से वापस छुड़ाए।

परमेश्वर के उद्धार के

न्यायिक पहलू

परमेश्वर के सम्पूर्ण उद्धार में, जो वह न्यायिक पहलू में करता है, वह प्रक्रिया है और जो वह जैविक पहलू में करता है, वह उद्देश्य है। प्रक्रिया के पहलू में, अपने न्यायिक आवश्यकता के अनुसार परमेश्वर जो पूरा किया है, वह छुटकारा है जिसमें पापों की क्षमा, पापों का धोया जाना, न्यायी ठहराया जाना, परमेश्वर के साथ मेल मिलाप किया जाना और स्थितीय पवित्रीकरण शामिल हैं। हम परमेश्वर के दण्ड के तहत पापी थे और परमेश्वर के दुश्मन भी थे, लेकिन अब हमे क्षमा किया गया है, हमारे पापों से धोया गया है, परमेश्वर द्वारा न्यायी ठहराया गया है, परमेश्वर से मेल-मिलाप किया गया है। और स्थितीय रूप में परमेश्वर के लिए पवित्र हुये हैं। यह छुडा़या जाना है। हालांकि, परमेश्वर का सम्पूर्ण उद्धार सिर्फ इतना नहीं है। यदि आपने छुटकारे की केवल इन पांच वस्तुओं को पाया है, तो आपने जो प्राप्त किया है, वह एक तरपफ़ का उद्धार है, सम्पूर्ण उद्धार नहीं। परमेश्वर के सम्पूर्ण उद्धार का पहला पहलू न्यायिक पहलू है जो हमारे पापों की क्षमा, हमारे पापो से धोये जाने, न्यायी ठहराये जाने, परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप करने और स्थानीय रूप से पवित्र होने को पूरा किया गया है। यह पाँच वस्तुएँ हमें परमेश्वर के अनुग्रह में प्रवेश करने के लिए योग्य बनाती हैं और उपयुक्त स्थान पर लाती हैं। रोमियों 5:2 कहता है, ‘‘—उस अनुग्रह तक जिसमें हम बने है, हमारी पहुँच भी हुई—’’ एक पापी कैसे परमेश्वर के अनुग्रह में प्रवेश कर सकता हैं? न्यायिक पहलू की पूर्ति होनी चाहिए ताकि पापी पापों की क्षमा प्राप्त कर सके, पापों से धोया जा सके, परमेश्वर द्वारा न्यायी ठहराया जा सके, परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप और स्थानीय पवित्रीकरण प्राप्त कर सके। ये सब चीजें प्रक्रिया, योग्यता और स्थान की बात हैं। न्यायिक पहलू परमेश्वर के अनुग्रह में हम पापियों को प्रवेश करने के लिए योग्य बनाता है और उपयुक्त स्थान में लाता है ताकि हम उद्धार आनंद कर सकते हैं जो परमेश्वर अपने जीवन के अनुसार जैविक रूप से उद्देश्य के पहलू में हमारे लिए पूरा किया है (आ- 10)। यहाँ हम देखते हैं कि परमेश्वर ने दो पहलुओं के साथ एक उद्धार को पूरा किया हैः छुड़ाने का पहलू और बचाने का पहलू। छुटकारा न्ययिक रूप से पूरा किया गया है और बचाया जाना जैविक रूप से पूरा किया जाता है।

 

GOD OUR FATHER, WE ADORE THEE

Worship of the Father—His Righteousness

20

1 God our Father, we adore Thee,
For the sake of righteousness.
Thou in Christ hast justified us,
Who our conscience can depress?
Thou art righteous and art faithful;
On Thy righteousness we stand.
No unrighteousness is in Thee;
None can turn Thy righteous hand.

2 Thou hast laid our sins on Jesus;
By Thy justice He was killed.
All Thy holy law’s requirements
For Thy justice He fulfilled.
Recompense from Him receiving,
Thou art fully satisfied;
How couldst Thou, O God most righteous,
Claim it once more from our side?

3 Father God, Thou hast accepted
Jesus as our Substitute;
Judged the just One for the unjust,
Couldst Thou change Thine attitude?
As a proof of perfect justice,
At Thine own right hand He sits;
He, as Thy full satisfaction,
Righteously Thy need bef its.

4 Father, through the blood of Jesus
We possess Thy righteousness;
By Thy righteousness protected,
None can shake our steadfastness.
Righteousness of Thine Thou mad’st us,
None can ever us condemn;
We’ll forever testify this
In the New Jerusalem.