चरवाही

श्रृंखला 2

उद्धार पाने के बाद

पाठ चौदह – परमेश्वर-नियुक्त मार्ग

यूहन्ना 15:16  तुम ने मुझे नहीं चुना परंतु मैंने तुम्हें चुना और तुम्हें नियुक्त किया कि तुम जाकर फल लाओ और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ भी पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।

नये नियम के गृह प्रबंध का अभ्यास करने का तरीका

परमेश्वर-नियुक्त मार्ग है

प्रभु का नया मार्ग एक सपना है जिसमें हम सभी को लाये जाने की जरूरत है। मैं इस सपने को देखता आया हूँ, और आपको इस सपने में लाना मेरा बोझ है। हम सभी को इस सपने को पूरी पृथ्वी तक लाने की जिम्मेदारी और बोझ लेना होगा। यदि हम प्रभु की दया से परमेश्वर नियुक्त मार्ग के अनुसार नये नियम के गृह प्रबंध का अभ्यास करने के लिए विश्वासयोग्य है, तो हम इस सपने की पूर्णता को देखेंगे।

परमेश्वर-नियुक्त मार्ग के चार कदम

उत्पन्न करना- लोगों से संपर्क करने के द्वारा

लोगों को प्राप्त करना

नये नियम में परमेश्वर ने हमारे लिये जो पहली सेवा नियुक्त की

है वह इसलिए तुम जाओ और सभी जातियों को चेला बनाओ (मत्ती- 28:19)। जाओ शब्द का अर्थ बहुत ही व्यापक है। जब आप जाते हो, तो निश्चित रूप से आपको लोगों से मिलना होगा। हमारे लंबे अध्ययन के बाद, हमने पाया है कि लोगों के दरवाजे पर दस्तक देकर उनसे मिलना, जाने को पूरा करने का सबसे प्रभावी तरीका है।

लोगों को उद्धार के लिए लाने के द्वारा हम फल कैसे उत्पन्न करते हैं?–सख्ती से बोलते हुए, यह केवल दरवाजे पर दस्तक देने की बात नहीं है। बल्कि यह लोगों से संपर्क करने की बात है। लोगों को बचाने के लिए हमें उनसे संपर्क करना होगा। प्रेरितों 1:8 में प्रभु कहता है परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ्य पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होंगे। सुसमाचार प्रचार में, हम केंद्र से परिधि तक कार्य करते हैं, और फिर पृथ्वी के छोर तक। इसलिए, आपको सबसे पहले अपने नजदीकी रिश्तेदारों को सुसमाचार प्रचार करना चाहिए। इसके बाद आपको अपने चचेरे भाईयों और ससुराल वालों के पास जाना चाहिए। इसके अलावा, आपके पड़ोसी, सहपाठी और सहकर्मी सभी अच्छे संभावित लक्ष्य है। सप्ताहांत पर सार्वजनिक पार्क में बहुत से लोग भी हैं। आप किसी भी एक पार्क में रूक सकते हैं और किसी को सुसमाचार प्रचार कर सकते हैं। अवसर हर जगह भरपूर है। प्रश्न यह है कि हम इसे करने के लिए तैयार है या नहीं।

पोषित करना- घर की सभाओं में

लोगों को पोषित करना

जैसे ही एक व्यक्ति बपतिस्मा से निकलता है, आपको उसके साथ सहभागिता का लंबा समय बिताना चाहिए। यह पहली घर की सभा है–इसके बाद, आपको अगली सभा के लिए मिलने के निश्चित समय की स्थापना करनी चाहिए। अच्छा हो कि, यह अगले एक या दो दिनों के भीतर होनी चाहिए। इसका कारण यह है कि नवजात शिशुओं को विशेष देखभाल की जरूरत है।

शिक्षण- छोटे समहू की सभाओं में

निर्देश और सिद्ध बनाना

छोटे समूह की सभा आपके अपने घर से आरंभ होनी चाहिए। यद्यपि सभा का समय 7ः30 निर्धारित किया जा सकता है, तो आपको सात बजे से पहले ही घर पर प्रार्थना करनी आरंभ कर देनी चाहिए। जब आप सभा को जाने के रास्ते में हैं, तो आपको प्रार्थना और स्तुति जारी रखनी चाहिए। जब आप भाई के घर पर पहुंचते हैं, तो आप कुछ भाईयों को वहां पहले से ही मौजूद पा सकते हैं। तब आपको स्तुति, प्रार्थना या सहभागिता करके सभा की शुरूआत करनी चाहिए। सभा की सामग्री केवल निम्नलिखित बातों की होनी चाहिएः पहला सहभागिता है; दूसरा प्रार्थना है; तीसरा आपसी देखभाल है; चौथा सत्य की शिक्षा है; पाचंवा जीवन का पीछा करना है; और छठा पारस्परिक प्रोत्साहन और शिक्षण, और लोगों से बाहर मिलने जाने के द्वारा सुसमाचार प्रचार करना है। हर बार एक छोटा समूह एक साथ आता है, जो भी वह करता है, सामग्री इन छह वस्तुओं में से एक होनी चाहिए।

निर्माण करना- कलीसिया सभाओं में

भविष्यवाणी करना

भविष्यवाणी करना प्रभु के लिए बोलना और प्रभु को बोलना है। यह मसीह को दूसरों में आपूर्ति करना है। यह कलीसिया सभाओं में मुख्य कार्य है।

परमेश्वर जो चाहता है वह एक सामूहिक पात्र है, जो कलीसिया अर्थात् मसीह की देह है–बाइबल में एक अध्याय है जो कलीसिया के निर्माण के बारे में बताता है। यह 1 कुरिन्थियों 14 हैं। इसमें निर्माण शब्द का उल्लेख कम से कम पांच बार किया गया है। यह अध्याय भविष्यवाणी के अलावा और किसी चीज से नहीं निपटता है। केवल भविष्यवाणी कलीसिया का निर्माण करती है।

 

सुसमाचार का प्रचार करना-

जीवन के बहाव के द्वारा

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1 सुसमाचार को पहूँचाना
आन्तरिक जीवन का बहाव
हमारी गवाही द्वारा
पापियों को हम पाते।

देना प्रभु जीवित बहाव
तेरा जीवन प्रकट हो
तेरे जीवित पात्रें द्वारा
लोगों को सजीव करें।

2 जीवन से विश्वास दिलाना
ताकि लोग विश्वास करें
जीवन के प्रदान के द्वारा
लोग जीवन को प्राप्त करें

3 हमेशा प्रभु में बन कर
डॉलिया फल लाती हैं
आन्तरिक जीवन बहाव द्वारा
मसीह को हम बांटते हैं।

4 हमारा जीवन प्रचार हो,
मसीह को प्रकट करें
शिक्षा ना हम प्रचार करते
जीवन का बीज बोते हैं।