चरवाही
श्रृंखला 2
उद्धार पाने के बाद
पाठ बारह – सभा जीवन
मत्ती- 18:20 क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम में एकत्रित होते हैं, वहां में उनके बीच में हूँ।
इब्र- 10:24-25 और ध्यान रखे कि किस प्रकार प्रेम और भले कार्यो में एक दूसरे को उत्साहित कर सकते हैं, और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना न छोड़ों, जैसा कि कितनों की रीति है, वरन एक दूसरे को प्रोत्साहित करते रहो, और उस दिन को निकट आते देख कर और भी अधिक इन बातों को किया करो।
विश्वासियों के लिए
परमेश्वर की नियुक्ति
इब्रानियों 10:25 में, हमारा एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना हमारी मसीही सभाओं को सूचित करता है। परमेश्वर ने रास्ता नियुक्त किया है जिसमें ब्रहमाण्ड में प्रत्येक जीवित वस्तु अस्तित्व में रहनी चाहिए। परमेश्वर की नियुक्ति वह कानून है जिसके द्वारा एक विशिष्ट प्रजाति जीवित रहती है। अगर जीवित वस्तु उस नियम का पालन करती है, तो वह जीवित रहती है और अशीषित होगी। परमेश्वर हमारे प्रति भी जिन्होंने मसीह में विश्वास किया है वैसा ही है। हमारे लिए परमेश्वर की नियुक्ति, जो हमारे अस्तित्व और आशीष का नियम बनती है, सभा है। जैसे पानी मछली के लिए, और हवा पक्षियों के लिए है, उसी प्रकार सभायें मसीहियों के लिए हैं। जैसे मछली को पानी में रहना चाहिए और पक्षियों को हवा में मौजूद होना चाहिए, उसी तरह मसीहियों को सभाओं के द्वारा अपने आत्मिक अस्तित्व और जीने को बनाये रखना चाहिए।
आत्मिक जीवन की
एक आवश्यकता
हर तरह के जीवन की अपनी विशेषता है, और आमतौर पर कई विशेषताएं। आत्मिक जीवन जो हम विश्वासियों ने प्राप्त किया है, हमारे भीतर परमेश्वर का जीवन होने के नाते, कई विशेषताएं भी हैं। उदाहरण के लिए, पाप से घृणा और पाप से अलगाव इस जीवन की विशेषताएं हैं। परमेश्वर के समीप आने की इच्छा और उनकी सेवा करने की इच्छा भी इसकी विशेषताएं हैं। हमारे आत्मिक जीवन की कई विशेषताओं में से एक विशेषता एक साथ इकट्ठा होना, एक साथ मिलना है। यूहन्ना 10:3 और 16 दर्शाता है कि क्योंकि हम बचाएं गए हैं, हम प्रभु की भेड़ है। भेड़ की जिंदगी की विशेषता एक साथ इकट्ठा होना और दूसरी भेड़ों से अलगाव को नापंसद करना है। इसलिए, बाइबल कहती है, कि हम न केवल प्रभु की भेड़े हैं, बल्कि उससे भी ज्यादा उसके झुण्ड हैं (प्रे- 20:28; 1 पत-5:2)। झुण्ड की आशीष में शामिल होने वाली एक भेड़ होने के लिए हमें झुंड के साथ मिलना चाहिए। हमारे भीतर आत्मिक फ्भेड़ जीवनय् की विशेषता हमसे यह मांग करती है।
विश्वासियों की
सभाओं का महत्व
मत्ती- 18:20 में प्रभु ने विशेष रूप से वादा किया कि जहां भी हम में से दो या तीन लोग जो उसके हैं, उसके नाम में एक साथ इकट्ठा होते हैं अर्थात, उसके नाम में मिलते हैं, तो वह उनके बीच में है। जब हम उसके नाम में मिलते हैं, हम खास तरीके से उसकी उपस्थिति को आनंद करते हैं। निस्संदेह उसकी उपस्थिति हमारे लिए ज्ञान, अनुग्रह, आपूर्ति, और हर प्रकार की आशीष लाती है।
जो यहां इब्रानियों 10:24-25 में उल्लिखित है हमें बताता है कि सभाओं से हम एक दूसरे को प्यार करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और अच्छे कामों के लिए एक दूसरे को प्रोत्साहित कर सकते हैं। यह हमारे लिए संतों से आपूर्ति प्राप्त करने के लिए उनके साथ आत्मिक सहभागिता करने का कारण बनता है। इस प्रकार, हमें सभाओं को नहीं छोड़ना चाहिए, और इतना अधिक, जितना ज्यादा हम जानते हैं कि प्रभु जल्दी वापस आएगा। हमारा मसीही जीवन एक तितली के जीवन की तरह नहीं है, जो अपने आप में ठीक है_ हमारा जीवन भेड़ों के जीवन की तरह है, जो मांग करता है कि हम एक साथ इकट्ठा हों और एक सभा जीवन जीएं। नतीजतन, हमें मिलने की जरूरत है, और सभाएं हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।
विश्वासियों के लिए
विभिन्न प्रकार की सभाएं
रोटी तोड़ने की सभा
रोटी तोड़ना प्रभु के भोजन को खाना है, प्रभु को याद करना है जो हमारे लिए मरा (1 कुर- 11:20,23-25)। यह हमारे लिए जो प्रभु की मृत्यु के द्वारा छुड़ाये गये हैं, पहले प्रकार की नियमित सभा होनी चाहिए।
प्रभु के आनंद के लिए इसके केंद्र के रूप में रोटी तोड़ने की सभा प्रभु के स्मरण के साथ प्रभु को याद करने के अलावा और किसी चीज के लिए नहीं है। इस सभा में सब कुछ, चाहे भजन गाना, प्रार्थना, बाइबल पढ़ना, या प्रेरणा के शब्द हैं, प्रभु को केंद्र के रूप में लेना चाहिए, उसके व्यक्ति और कार्य, उसके प्रेम और गुण, पृथ्वी पर उसका रहना या पीड़ा, या स्वर्ग में उसका गौरव या महिमा के विषय में बोलना चाहिए ताकि अन्य लोग स्वयं प्रभु को याद करने के लिए इन चीजो पर विचार या अहसास कर सकते हैं।
प्रार्थना सभा
मत्ती- 18:18-20 में प्रभु सभा की प्रार्थना के बारे में बोल रहे हैं। इस प्रकार की प्रार्थना एक व्यक्ति की प्रार्थना से ज्यादा शक्तिशाली है, क्योंकिे यह स्वर्ग में जो बांधा गया है उसे पृथ्वी पर बांधने और स्वर्ग में जो खोला गया है पृथ्वी पर खोलने में सक्षम है।
आत्मिक वरदान के अभ्यास के लिए
और पारस्परिक
निर्माण के लिए सभा
1 कुर- 14:26 में उल्लिखित सभा आत्मिक वरदानों के अभ्यास के लिए और पारस्परिक निर्माण के लिए है। इस प्रकार की सभा में, एक विशेष बात करते हुए कोई विशिष्ट व्यक्ति नहीं है, लेकिन हर कोई आत्मिक वरदानों का अभ्यास कर रहा है_ एक के पास भजन है, एक के पास शिक्षा है, एक के पास प्रकाशन है, एक ऐसा करता है और दूसरा वैसा करता है। हर कोई दूसरों का निर्माण और उन्नति करने के लक्ष्य के साथ भाग ले सकता है।
वचन पढ़ने के लिए सभा
प्रेरितों 15:30-31 में यह कहता है कि जब पौलुस और उसके साथी अन्ताकिया में पहुंचे, तो उन्होंने पवित्र आत्मा की अगुवाई के तहत यरूशलेम के प्रेरितों और प्राचीनों द्वारा लिखे गए पत्र को उनके लिए पढ़ने के लिए संतों को इकट्ठा किया। इसलिए, हमें भी बाइबल में परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए कभी-कभी एक साथ मिलने की आवश्यकता हो सकती है।
संदेशों को सुनने के लिए सभा
प्रेरितों 20:7 कहता है कि उस दिन, त्रेआस में विश्वास करने वालों ने पौलुस की बात सुनने के लिए एक साथ मिलकर परमेश्वर की आत्मिक बातों के बारे में चर्चा की, कि वे उन्नत और स्थापित हो सके। इसलिए, कभी-कभी हमें भी प्रभु के वचन के सेवक के द्वारा परमेश्वर के लिए बोले गए आत्मिक संदेशों को सुनने के लिए एक साथ इकट्ठा होना चाहिए ताकि हम उन्नत और स्थापित हो सकें।
सभाएं-मसीह को दिखाना
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1 हम जब मिले, मसीह बांटें
उसकी प्रचुरता की बढ़ती
चढ़ाकर खुदा को भोजन
प्रदर्शित हो मसीह
हो प्रदर्शित मसीह
हो प्रदर्शित मसीह
लाएं कलीसिया में बढ़ती
हो प्रदर्शित मसीह
2 मसीह में जीएं, युद्ध करें
मसीह में दिन रात श्रम करें
उसकी बढ़ती से जुड़ेंगे
हो प्रदर्शित मसीह
3 हमारा जीवन, हम जो भी हैं
सारा तत्व स्वयं मसीह है
जब भी हम फिर मिलते हैं तो
हो प्रदर्शित मसीह
4 सभाओं में हम मसीह ही को
बॉटेंगे एक दूसरों के साथ
आनंद करें परमेश्वर को
हो प्रदर्शित मसीह,
5 जी उठा, आरोहित मसीह
को लाएंगे और चढ़ाएंगे
परमेश्वर को संतुष्ट करके
हो प्रदर्शित मसीह
6 केंद्र, वास्तविकता का
वातावरण, सेवकाई की
हमारे सारे सभाओं में
हो प्रदर्शित मसीह
7 गवाही और प्रार्थना की
संगति जिसमें हम भागी
वरदानों का अभ्यास, जो भी
हो प्रदर्शित मसीह
8 पिता को हम महिमा करें
और ऊँचा करें पुत्र को
सभा का लक्ष्य पूरा करके
हो प्रदर्शित मसीह