चरवाही

श्रृंखला 2

उद्धार पाने के बाद

पाठ ग्यारह – मसीह की देह

इफ- 1:22-23-सब कुछ उसके पैरों तले कर दिया;  और उसे सब वस्तुओं पर शिरोमणि ठहराकर कलीसिया को दे दिया। जो उसकी देह है, और उसी की परिपूर्णता है जो सब में सब कुछ पूर्ण करता है।

इफसियों 1:22 और 23 दर्शाते हैं कि कलीसिया मसीह की देह है। ‘‘सब कुछ उसके पैरों तले कर दिया_ और उसे सब वस्तुओं पर शिरोमणि ठहराकर कलीसिया को दे दिया। जो उसकी देह है, और उसी की की परिपूर्णता है जो सब में सब कुछ पूर्ण करता है।’’ कलीसिया एक संस्था नहीं है, बल्कि सभी विश्वासियों से गठित जैविक देह है, जिन्होंने सिर की अभिव्यक्ति के लिए नया जन्म पाया है और जिनके पास परमेश्वर का जीवन है। देह सिर की परिपूर्णता है और परिपूर्णता सिर की अभिव्यक्ति है। मसीह, जो सब में सब भरता है, उसकी पूर्णता होने के लिए देह की जरूरत है। यह देह उसकी अभिव्यक्ति होने के लिए, उसकी कलीसिया है।

कलीसिया मसीह की देह है और मसीह कलीसिया का सिर है (कुल- 1:18)। इसलिए, कलीसिया और मसीह एक देह है, एक ही जीवन और स्वभाव रखते हुए, रहस्यमय, विश्वव्यापी महान मनुष्य है। मसीह देह का जीवन और सार है और देह मसीह का जीव और अभिव्यक्ति है। देह के रूप में, कलीसिया सब कुछ मसीह से प्राप्त करती है_ इसलिए मसीह का सब कुछ, कलीसिया के माध्यम से अभिव्यक्त किया जाता है। दोनों, मसीह और कलीसिया, अंतरिक सार के रूप में मसीह और बाहरी अभिव्यक्ति के रूप में कलीसिया एक के रूप में जुड़े हैं और मिश्रित हो गए हैं।

अंगों से बनी

मसीह की देह विश्वासियों से बनी है, जो देह के सदस्य हैं। रोमियो 12:5 कहता है, ‘‘वैसा ही हम भी जो अनेक हैं, मसीह में एक हैं।’’ वाक्यांश मसीह में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मसीह के साथ विश्वासियों के जैविक संयोग को इंगित करता है। मसीह में विश्वासियों के रूप में, हम जैविक रूप में मसीह के साथ एक हैं; हम उनके साथ एक जीवन का संयोग रखते हैं। क्योंकि हम जैविक रूप से मसीह के साथ जुड़े हुए हैं, हम जैविक रूप से मसीह की देह में रोपे गए हैं। अब, मसीह में, हम देह के जैविक भाग हैं।

देह का जीवन एक सामूहिक जीवन है। हम यह महसूस कर सकते हैं, जब हम अपने भौतिक शरीर पर विचार करते हैं, जो एक सामूहिक अस्तित्व है, जो कई सदस्यों से बना है, जिनका शरीर में अपना जीवन और कार्य है। यदि कोई अंग शरीर से पृथक या अलग हो जाता है, तो यह अपने जीवन और कार्य को खो देता है। इससे पता चलता है कि शरीर का कोई भी अंग शरीर से स्वतंत्र नहीं हो सकता और व्यक्तिवादी नहीं बन सकता है। यह सिद्धांत मसीह की देह के साथ समान है। देह के अंगों के रूप में विश्वासियों में से कोई भी एक पूर्ण अस्तित्व नहीं है, बल्कि, हर एक विश्वासी देह का अंग है। इसलिए, हमें जीवन और कार्य के लिए देह में रहने की आवश्यकता है।

रोमियों 12:5 प्रकाशित करता है कि हम एक देह में एक दूसरे के अंग हैं। हम बहुत से होते हुए, एक देह हैं, एक अस्तित्व हैं। देह में हम कार्य कर सकते हैं और सामूहिक तरीके से मसीह को अभिव्यक्त कर सकते हैं। हम कई अंग हैं, कई अलग इकाइयां नहीं। अंगों के रूप में, हमें एक दूसरे के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है ताकि हम एक जीवित कार्यशील देह हों।

एक आत्मा में बपतिस्मा लिया

1 कुरिंथियों 12:13 कहता है, ‘‘क्योंकि हम सब ने, चाहे यहूदी हों या यूनानी, दास हो या स्वतन्त्र, एक ही आत्मा द्वारा एक देह होने के लिए बपतिस्मा पाया, और हमें एक ही आत्मा पिलाया गया। जैसे की आत्मा हमारे आत्मिक बपतिस्मा का क्षेत्र और तत्व है और इस तरह की आत्मा में हम सब एक जैविक अस्तित्व अर्थात मसीह की देह में बपतिस्मा लेते हैं, इसलिए, हम सभी को, हमारे जाति, राष्ट्रीयता और सामाजिक श्रेणी के बावजूद, यह एक देह होना है। मसीह इस देह का जीवन और घटक है और आत्मा मसीह की वास्ताविकता है। यह एक आत्मा में था कि मसीह को अभिव्यक्त करने के लिए इस एक जीवित देह में सभी ने बपतिस्मा लिया।

एक आत्मा पिलाया गया

1 कुरिंथियों 12:13 में पौलुस हमें केवल यह नहीं बताता है कि हम सब ने एक आत्मा में एक ही देह में बपतिस्मा लिया है बल्कि यह भी कि ‘‘हमें एक ही आत्मा पिलाया गया।’’ आत्मा में बपतिस्मा लेना, आत्मा में प्रवेश करना है और उसमें खो जाना है। आत्मा को पीना, आत्मा को अंदर लेना है और उनके साथ संतृप्त होना है। इन दो प्रक्रियाओं से-बपतिस्मा और पीना-हम आत्मा के साथ मिश्रित होते हैं। आत्मा में बपतिस्मा लेना, मिश्रित होने की शुरुआत है और यह एक बार के लिए है। आत्मा पीना मिश्रित होने की निरंतरता और पूर्णता है और यह अनन्त और हमेशा के लिए है। इसलिए, एक आत्मा में बपतिस्मा लेने के बाद, हमें एक आत्मा को पीना है और एक आत्मा के साथ संतृप्त और व्याप्त होना है।

1 कुरिंथियों 12:13 इंगित करता है कि हम देह में एक आत्मा को पीते हैं। एक आत्मा में हम सबने एक आत्मा को पीने के लिए एक देह में बपतिस्मा लिया है। आत्मा देह में है। जब तक हम देह में रहते हैं, हम आत्मा को पी सकते हैं।

एक देह में बपतिस्मा लेना एक बार के लिए कुछ अनुभव करना है लेकिन एक आत्मा को पीना एक निरंतर अनुभव है। देह के जीवन में हमारे पास बपतिस्मा और पीना दोनों हैं। तथ्य को स्वीकार और ग्रहण करने की प्रक्रिया के रूप में बपतिस्मा हमारे पास बपतिस्मा है और पल-पल के अनुभव के रूप में हमारे पास पीना है। अब हम पीने के लिए देह में हैं। एक आत्मा में हम सभी ने बपतिस्मा लिया है, और अब हम देह में हैं और एक आत्मा को पी रहे हैं।

मसीह के

अखोजनीय धनों के साथ

गठित होना

मसीह की देह, मसीह के अखोजनीय धन के साथ गठित है। इपिफ़सियों 3:8 में पौलुस कहता है, ‘‘मुझ पर जो सब पवित्र लोंगों में से छोटे से भी छोटा हूँ, यह अनुग्रह हुआ कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊँ।’’ पौलुस ने मसीह के अखोजनीय धन का प्रचार किया, ताकि मसीह की देह के रूप में कलीसिया अस्तित्व में आ सके। देह मसीह के धन से बाहर आती है।

इफिसियों की पुस्तक मसीह के अखोजनीय धन शब्द के साथ साथ ‘‘जो सब में सब कुछ पूर्ण करता है’’ (1:23) का वर्णन करती है। मसीह के धन और मसीह की परिपूर्णता के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है। मसीह का धन, वे सभी चीजें हैं मसीह जो है। मसीह की परिपूर्णता कलीसिया अर्थात देह है, मसीह के धन के आनंद का परिणाम। हमारे स्वाभाविक मनुष्य में हम मसीह की परिपूर्णता अर्थात उसका देह नहीं है। लेकिन जब हम मसीह के धनों का आनंद करते हैं, तो हम उसकी परिपूर्णता के रूप में देह बन जाते हैं।

सिर के रूप में मसीह के साथ

मसीह देह का सिर है। इपिफ़सियों 5:23 में पौलुस कहता है, ‘‘मसीह कलीसिया का सिर है और स्वयं ही देह का उद्धारकर्ता है।’’ उद्धारकर्ता प्रेम की बात है, जबकि सिर अधिकार की बात है। अपने उद्धारकर्ता के रूप में हम मसीह से प्रेम करते हैं, लेकिन सिर के रूप में, हमें उसके अधीन भी होना चाहिए।

कलीसिया अर्थात देह के सिर के रूप में मसीह देह से जुड़ा है। जैसे ही किसी के भौतिक शरीर में सिर और शरीर एक होते हैं, वैसे ही मसीह अर्थात सिर और कलीसिया, उनकी देह, जुडे़ हैं और इसलिए एक हैं। दिव्य जीवन और दिव्य आत्मा में देह सिर के साथ एक है।

जो कुछ मसीह ने सिर के रूप में पूरा किया, प्राप्त किया और हासिल किया है केवल देह के लिए नहीं बल्कि देह का है (इफ- 1:22-23)। इसका मतलब यह है कि जो सिर ने प्राप्त किया वह देह का है क्योंकि इसे देह तक प्रसारित किया गया है। इसलिए देह, सिर के प्रसारण से अस्तित्व में आती है। जो कुछ मसीह ने पूरा किया, प्राप्त किया और हासिल किया है, अब देह के अंदर प्रसारित किया गया है।

 

सभाएं-मसीह को दिखाना

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1,हम जब मिले, मसीह बांटें
उसकी प्रचुरता की बढ़ती
चढ़ाकर खुदा को भोजन
प्रदर्शित हो मसीह

हो प्रदर्शित मसीह
हो प्रदर्शित मसीह
लाएं कलीसिया में बढ़ती
हो प्रदर्शित मसीह

2,मसीह में जीएं, युद्ध करें
मसीह में दिन रात श्रम करें
उसकी बढ़ती से जुड़ेंगे
हो प्रदर्शित मसीह

3,हमारा जीवन, हम जो भी हैं
सारा तत्व स्वयं मसीह है
जब भी हम फिर मिलते हैं तो
हो प्रदर्शित मसीह

4,सभाओं में हम मसीह ही को
बॉटेंगे एक दूसरों के साथ
आनंद करें परमेश्वर को
हो प्रदर्शित मसीह,

5,जी उठा, आरोहित मसीह
को लाएंगे और चढ़ाएंगे
परमेश्वर को संतुष्ट करके
हो प्रदर्शित मसीह

6,केंद्र, वास्तविकता का
वातावरण, सेवकाई की
हमारे सारे सभाओं में
हो प्रदर्शित मसीह

7,गवाही और प्रार्थना की
संगति जिसमें हम भागी
वरदानों का अभ्यास, जो भी
हो प्रदर्शित मसीह

8,पिता को हम महिमा करें
और ऊँचा करें पुत्र को
सभा का लक्ष्य पूरा करके
हो प्रदर्शित मसीह