चरवाही
श्रृंखला 2
उद्धार पाने के बाद
पाठ नौ – परमेश्वर का गृह प्रबन्ध
1 तीम- 1:4-और उन ऐसी कहानियों और अनन्त वंशावलियों पर मन न लगाएं, जिन से विवाद होते हैं; और परमेश्वर के उस प्रबन्ध के अनुसार नहीं, जो विश्वास से सम्बन्ध रखता है।
इफ- 3:9-11और सब पर यह बात प्रकाशित करूँ कि उस रहस्य का प्रबन्ध क्या है, जो सम्पूर्ण वस्तुओं के सृजनहार परमेश्वर में युगों से गुप्त था, कि अब कलीसिया के द्वारा परमेश्वर का विभिन्न प्रकार का ज्ञान उन प्रधानों और अधिकारियों पर जो आकाश में हैं, प्रगट किया जाए। यह उस अनन्त अभिप्राय के अनुसार हुआ जो उसने यीशु मसीह हमारे प्रभु में पूरा किया।
गृह प्रबन्ध शब्द की परिभाषा
गृह प्रबन्ध के लिए यूनानी शब्द दो शब्दों से बना है। पहला शब्द ओयकोस का अर्थ ‘‘भवन’’ या ‘‘घर’’ है, जो एक घराना या निवास स्थान को दर्शाता है_ दूसरा शब्द नोमोस का अर्थ ‘‘व्यवस्था’’ है। जब इन दो शब्दों को एक साथ जोड़ दिया जाता है, इसका अर्थ है, ‘‘घराने की व्यवस्था,’’ और इसकी व्याख्या घराने के प्रशासन’’ की तरह भी की जा सकती है—-चूंकि यह एक घराने का प्रशासन है, इसका तात्पर्य एक प्रबन्ध या योजना है। चूंकि घराने का प्रशासन घराने के नियमों को लागू करना है, स्वाभाविक रूप से इसके पास योजना के साथ एक प्रबन्ध है। चूंकि यह एक प्रबन्ध या योजना है, इसका एक उद्देश्य भी होना चाहिए।
परमेश्वर के भवन के प्रशासन के लिए,
परमेश्वर का प्रबंधन,
प्रदानता और दिव्य गृह प्रबन्ध
‘‘गृह प्रबन्ध’’ एक घराने का प्रबन्ध, एक घराने का प्रशासन, एक घराने का शासन और इसलिए यह एक वितरण, एक योजना और प्रशासन के लिए एक गृह प्रबन्ध (बांटने) को दर्शाता है; इसलिए इसे एक घराने का गृह प्रबन्ध भी कहते हैं।
अपनी त्रिएकता में
अपने चुने हुए लोगों में स्वयं परमेश्वर का प्रदान होना
अपनी त्रिएकता में परमेश्वर किस तरह से स्वयं को अपने लोगों में प्रदान करता है? इस प्रदानता के तीन कदम हैं। सबसे पहले, यह पिता परमेश्वर का है। पिता स्रोत है, उत्पत्ति है। दूसरा, यह प्रदानता परमेश्वर के पुत्र के माध्यम से होती है, जो गति है। तीसरा, परमेश्वर की प्रदानता परमेश्वर आत्मा में हैं जो साधन और क्षेत्र है। इन कदमों के माध्यम से पिता परमेश्वर, परमेश्वर पुत्र द्वारा और परमेश्वर आत्मा में, अपने चुने हुए लोगों में स्वयं को प्रदान करता है।
परमेश्वर के राज्य के रूप में
कलीसिया के उत्पादन के लिए
जो नए यरूशलेम में परिपूर्ण होगा
परमेश्वर के नये नियम का गृह प्रबन्ध, कलीसिया के उत्पादन के लिए, अपने चुने हुए लोगों में स्वयं को प्रदान करना है। (इफ- 3:10)
अनुसार, परमेश्वर के विभिन्न प्रकार के ज्ञान को प्रकट करने के लिए, कलीसिया को उत्पादित करती है। (आ- 3:9-11)
1 कुरिन्थियों 4:17 और 20 दिखाती है कि राज्य आज का कलीसिया जीवन है। आयत 17 में पौलुस अपने तौर-तरीकों के बारे में संदर्भित करता है, ‘‘मसीह में—जैसे की मैं हर जगह हर एक कलीसिया में उपदेश करता हूँ।’’ फिर आयत 20 में वह कहता है, ‘‘क्योंकि परमेश्वर का राज्य बातों में नहीं परन्तु सामर्थ्य में है।’’ ये आयत दिखाती है कि परमेश्वर का राज्य सब जगह की कलीसिया है और सब जगह की कलीसिया राज्य है। राज्य यहां है क्योंकि कलीसिया यहां है।
परमेश्वर के राज्य के रूप में कलीसिया की एक परिपूर्णता होगी और यह परिपूर्णता त्रिएक परमेश्वर के अनन्त अभिव्यक्ति के लिए नये यरूशलेम होगा। प्रकाशितवाक्य 21:2 कहता है, ‘‘फिर मैंने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग से परमेश्वर के पास से उतरते देखा। वह उस दुल्हिन के समान थी जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो।’’ नई यरूशलेम सभी पीढ़ियों में परमेश्वर द्वारा छुड़ाए गए सभी संतों की जीवित संयोजन है। यह अपनी संगनी के रूप में मसीह की दुल्हिन है (यूहन्ना 3:29) और उसके निवास स्थान के रूप मे परमेश्वर का पवित्र नगर है।
Ultimate Manifestation- God’s Eternal Purpose
God’s eternal economy
Is to make man the same as He is
In life and nature, But not in the Godhead
And to make Himself one with man
And man one with Him
Thus to be enlarged and expanded in His expression
That all His divine, that all His divine
Attributes may be expressed in human virtues.